Monday, August 18, 2025
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रविवार के दिन इन भगवान की पूजा करने से मिलेंगे ये शुभ लाभ, ऐसें करें आराधना

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता का माना जाता है। वहीं रविवार का दिन भी विशेष महत्व का होता है। दरअसल, यह दिन सूर्य देव का माना जाता है।

..बताया जाता है कि सूर्य देव नवग्रहों के राजा हैं। सूर्य देव भगवान यदि किसी मनुष्य की कुंडली में बैठे हों, तो उस व्यक्ति के दिन फिर जाते हैं। उसे सुख, समृद्धि, सौभाग्य, आरोग्य, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है।

वहीं, किसी की कुंडली में सूर्य देव कमजोर हों तो व्यक्ति को इसके विपरीत फल मिलते हैं। दरअसल, उसके जिंदगी में कई तरह के दुख, परेशानी अन्य चीजों का सामना करना पड़ता है।

इन परेशानियों के डर से व्यक्ति कोई न कोई उपाय करता है। जैसे कि पूजा-पाठ, व्रत, जप-तप आदि। वहीं, ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यदि रविवार के दिन कोई भी मनुष्य पूरे विधि-विधान से सूर्य देव भगवान का व्रत करता है तो भगवान उसके ​जीवन में सुख-समृद्धि भर देते हैं। आइये जानते हैं कैसे अपनी परेशानियों को दूर करें और साथ इस व्रत के बारे में…

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, रविवार का व्रत बहुत ही सरल और जल्दी फल देने वाला माना जाता है। यदि आपको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा तो यह व्रत बहुत ही उत्तम उपाय है। मान्यता है कि रविवार का व्रत करने पर साधक पर शीघ्र ही सूर्य कृपा बरसती है और उसे जीवन में सभी सुख, सम्मान और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

इस विधि विधान से रखें यह व्रत

सूर्य देवता का व्रत रखने के लिए आपको किसी भी मास के शुक्लपक्ष से सूर्यदेव का व्रत प्रारंभ करना चाहिए। माना गया है कि सूर्य भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए व्यक्ति को कम से कम बारह व्रत पूरे विधि-विधान से रखना चाहिए। आप चाहें तो इसे वर्षभर से कर सकते हैं।

ऐसें करें सूर्य भगवान की आराधना

  • इस व्रत को करने के लिए सबसे पहले आप प्रात: स्नान करें। उसके बाद आपको लाल रंग के उनी आसन पर बैठकर भगवान सूर्य देव के बीज मंत्र की पांच माला जप करें।

  • फिर आप व्रत कथा और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही सूर्य नारायण को गंध, चावल, दूध, लाल फूल और जल अर्पित करें।

  • इसके बाद जिस स्थान पर खड़े हों, वहीं पर चारों ओर घूम जाएं और सूर्यदेव के प्रसाद स्वरूप लाल चंदन को अपने मस्तक पर धारण करें।

  • आपको बता दें कि, इस व्रत को करने में आप नमक का सेवन न करें और इस दिन सिर्फ गेहूं की रोटी या गेहूं का दलिया गुड़ डाल कर प्रसाद के रूप में सेवन करें।

  • जिस दिन आपके रविवार व्रत पूरे हो जाएं तो आज अंतिम रविवार व्रत वाले दिन कम से कम चार ब्राह्मण को भोजन कराएं और उन्हें लाल वस्त्र, लाल फल, लाल मिठाई, लाल पुष्प, नारियल, दक्षिणा आदि देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

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