Tuesday, June 17, 2025
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सोलर रूफटॉप स्कीम लक्ष्य के करीब भी नहीं

  • पहले चरण में 12 मेगावाट लक्ष्य के मुकाबले एक चौथाई बिजली उपभोक्ताओं ने दिखाई थी रुचि
  • दूसरे चरण में वर्ष 2022-23 के लिए पश्चिमांचल के 14 जिलों के लिए केवल पांच मेगावाट का टारगेट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी सोलर रूफटॉप स्कीम 2022-23 द्वितीय चरण के लिए पश्चिमांचल में लक्ष्य पहले की तुलना में 60 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। बीते वर्ष पश्चिमांचल के 14 जिलों के लिए प्रथम चरण में 12 मेगावाट तक तक इंस्टॉल करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे दूसरे चरण में घटाकर पांच मेगावाट कर दिया गया है।

इस योजना की अगर बात की जाए, तो यह केंद्र सरकार के जरिये देश में अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के लिए है। जिसके अंतर्गत घरेलू प्रयोग के लिए घर, कार्यालय, कारखानों आदि की छतों पर सोलर पैनल लगाने की सुविधा मुहैया कराई जाती है।

उपभोक्ताओं को छतों पर सोलर रूफटॉप लगवाने पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया गया। जिसके तहत कोई भी नागरिक अपनी छत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं। इस योजना में एक किलो वाट का सोलर पैनल लगाने के लिए 10 वर्ग मीटर स्थान की आवश्यकता पड़ती है। और इस सोलर पैनल का लाभ 25 सालों तक उठाया जाएगा। सोलर पैनल की लागत लगभग 5-6 सालों में पूरी हो जाती है।

25 10

जिसके बाद लोग 19 से 20 साल तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं। सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा नागरिकों को कम दाम पर बिजली मुहैया कराने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत नागरिकों को सोलर रूफटॉप इंस्टालेशन पर सब्सिडी का प्रावधान है। पहले चरण के विषय में तकनीकी अधीशासी अभियंता डीके शर्मा और सहायक अभियंता अतुल गुप्ता ने जानकारी दी कि पश्चिमांचल के सभी 14 जिलों के लिए 12 मेगावाट का लक्ष्य रखा गया था।

जिसमें अमूमन 1600 उपभोक्ता जुड़कर लाभ अर्जित कर सकते थे, लेकिन इसके विपरीत केवल 400 उपभोक्ताओं ने सोलर रूफटॉप स्कीम में सहभागिता करते हुए तीन मेगावाट ऊर्जा का लक्ष्य पूरा किया। इसका एक प्रमुख कारण अधिकारियों ने यह माना है कि योजना का अपेक्षित प्रचार-प्रचार नहीं सका है। लोगों के कम दिलचस्पी लेने के कारण के दूसरे चरण में विभाग को केवल पांच मेगावाट का लक्ष्य दिया गया है। जिसके लिए 31 जुलाई तक सोलर पैनल इंस्टाल करने वाले ठेकेदारों का चयन करने के उपरांत पोर्टल के जरिये आॅनलाइन आवेदन की प्रकिया शुरू की जाएगी।

छोटे उपभोक्ताओं को मिलती है 80 प्रतिशत तक सब्सिडी

सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के अंतर्गत पहले चरण को अगर ज्यों का त्यों लागू किया गया तो तीन किलोवाट तक केन्द्रीय अनुदान 40 प्रतिशत, तीन से अधिक 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत, इससे अधिक पर 10 प्रतिशत अनुदान दिया गया है। जबकि राज्य अनुदान एक से तीन किलोवाट तक 15 हजार रुपये मिलता है। इससे अधिक किलोवाट पर राज्य अनुदान की अधिकतम सीमा 30 हजार रुपये तक रखी गई है।

पहले चरण में जो दर तय रही, उसके अनुसार एक किलोवाट क्षमता के संयंत्र की कीमत 38 हजार रुपये है। जिसमें 15200 रुपये केन्द्रीय और 15 हजार राज्य अनुदान के बाद उपभोक्ता को केवल 7800 रुपये ही व्यय करने होते हैं। दो किलोवाट में 76 हजार की कीमत के विपरीत केन्द्रीय अनुदान 30400, राज्य अनुदान 30 हजार के चलते उपभोक्ता को 15600 रुपये व्यय करने होते हैं।

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