- उड़ रही मिट्टी और धूल के कारण बढ़ रहे सांस के रोगी
- नाले की दुर्गंध के बाद अब बदहाल सड़क
जनवाणी संवाददाता |
गंगानगर: वायु प्रदूषण को रोकने के लिये सड़कों पर धूल न उड़ने देने के लिए उचित प्रबंध करने चाहिए। मिट्टी की ढुलाई ढककर कराने के साथ नियमित रूप से छिड़काव कराया जाना चाहिए, लेकिन मीनाक्षीपुरम की सड़क पर इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि उक्त इलाके के आसपास हमेशा धूल उड़ती रहती है।
खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत जैसे काम के चलते हवा जहरीली होती जा रही है। अधिकतर सड़कों पर टू व्हीलर्स व फोर व्हीलर्स वाहनों के निकलते ही धूल का गुबार उठता है। नाक, मुंह से थोक के भाव धूल सीधे शरीर के अंदर पहुंच रही है। शहर की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से लगभग छह गुना अधिक प्रदूषित है। नाले के पास गंदगी इतनी है कि ये पूरी सड़क किसी डलाबघर जैसी नजर आती है।
डिफेंस कालोनी जैसी पॉश कालोनी के लिये अभिशाप बन चुकी मीनाक्षीपुरम की बदहाल सड़क अब कालोनी के लोगों के लिये मुसीबत का सबब बनती जा रही है। हालात इस कदर खराब है कि कालोनी के पीछे स्थित नाले से निकला कचरा और टूटी पड़ी सड़क से उड़ने वाली धूल कालोनी में रहने वालों को बीमारियां परोस रही है।
ये हाल तब है, जब वायु प्रदूषण को रोकने के लिये प्रशासन की तरफ से कमेटी बनाई गई है और इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने का प्राविधान है। ग्रेप कमेटी, एमडीए और नगर निगम का इस ओर ध्यान नहीं है कि मीनाक्षीपुरम रोड की बबार्दी के लिये कौन जिम्मेदार है।
पहले सांसद और विधायकों के कोटे से इस तरह की बदहाल सड़कों की जिंदगी सुधर जाती थी, लेकिन अब सांसद और विधायक अपने कोटे को इस ओर खर्च करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण इन लावारिस सड़कों की बदहाली खुद अपना दर्द बयां कर रही है और उसका खामियाजा सड़क के आसपास के कालोनीवासी भुगत रहे हैं।
शरीर में जा रहा जहर
शहर में धूल में सिलिका, लेड और रेत जैसे खतरनाक तत्व मौजूद हैं, जिसके चलते लोग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। लगातार आंखों में धूल के जाने से रोशनी भी जा सकती है। शहर की अधिकतर सड़कें घटिया निर्माण के चलते बारिश में उखड़ चुकी हैं।
बन रहे दमा और श्वास रोगी
पूरा दिन धूल भरे माहौल में रहने के कारण कई दुकानदार दमा और श्वास के रोगी बनते जा रहे हैं। लोगों ने बताया कि व्यक्ति धूल और डस्ट की वजह से दमा का रोगी बन सकता है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। धूल और प्रदूषण के कारण दमा और सांस के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
धूल से सांस लेना हुआ दुश्वार
इलाके में हमेशा ही धूल उड़ती रहती है, जिससे यहां पर रहना तो दूर खड़े होकर सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। इस संबंध में संबंधित विभाग में शिकायत की गई, लेकिन किसी की ओर से भी कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है।
-विनोद सोनकर, अध्यक्ष, मेरठ महानगर कांग्रेस सेवा दल
धूल के कारण बाहर निकलना दूभर हो गया है। यहां तक कि घरों में आ रही धूल-मिट्टी से इलाके में खांसी और सांस की बीमारी होने का खतरा मंडराने लगा है। लगता है कि अब तो लगता है कि घरों के अंदर भी मास्क लगाकर रहना पड़ेगा।
-सुभाषचंद त्यागी, एक्स. बार अध्यक्ष मीनाक्षीपुरम
शहर में काम करने वाली एजेंसियां कम से कम सड़कों पर पानी का नियमित छिड़काव तो करा दें। आगे का वाहन गुजरने के बाद पीछे चलने वालों की आंखों और नाक में मिट्टी आ जाती है। जिससे आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत आती है।
-रुचिर मित्तल, मीनाक्षीपुरम
दुकानदारों का टूटी सड़क से उड़ने वाली धूल के कारण सारा सामान खराब हो जाता है। इससे उनको परेशानी हो रही है। सड़क की मरम्मत होकर ठीक किया जाए तो समस्या का समाधान हो।
-हरविंदर कुमार, पीएनबी, मीनाक्षीपुरम
सड़क टूटी हुई है, हालत काफी खराब है। सड़कों के नाम पर अब गड्ढे ही रह गए हैं। क्षेत्रवासियों के साथ ही वाहन चालकों और राहगीरों के साथ-साथ आम जनता को भी परेशानी होती है और इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
-काजला, डिफेंस कालोनी
नाले की नियमित सफाई नहीं होती, घर के पास ही ये नाला है, जिससे आसपास के घरों में भयंकर बदबू और सड़ांध रहती है। कई बार जनप्रतिनिधियों और सफाई कर्मचारियों को कहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
-नीटू, बी-22, डिफेंस कालोनी
टूटी सड़क के कारण ये समस्या हो रही है। यदि समस्या का समाधान अति शीघ्र नहीं किया गया तो लोगों को दमा और सांस की अन्य बीमारियां हो जाएंगी। जिसका पूरा श्रय जनप्रतिनिधियों को जाता है। -नितिन कुमार, मीनाक्षीपुरम