जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार की सुबह से ही ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। रविवार शाम को शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 259 रहा। हालांकि एक्यूआई दिवाली से एक दिन पहले सात साल में सबसे कम रहा। रात में तापमान में गिरावट और हवा की गति के बीच प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। दिल्ली का एक्यूआई सोमवार सुबह आठ बजे तक 301 दर्ज किया गया। पराली जलाने की घटनाएं बढ़कर 1,318 हो गई हैं।
वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि दीपावली की देर रात तक हवा की सेहत बिगड़कर बहुत खराब से लेकर गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। उधर, रविवार को दिल्ली समेत एनसीआर के सभी शहरों की हवा खराब श्रेणी में रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 259 दर्ज किया गया, जो दिवाली से एक दिन पहले सात साल में सबसे कम है। दिवाली के दिन देर रात तक हवा की सेहत बिगड़कर गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है।
वहीं, गाजियाबाद की हवा 270 एक्यूआई के साथ सबसे खराब रही। एनसीआर में सबसे कम 200 एक्यूआई फरीदाबाद का रहा। वहीं, रविवार को भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच में भारतीय टीम के जीतने पर लोगों ने खुशी में जमकर पटाखे जलाए। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद पटाखे जलाए जा रहे हैं। ऐसे में दीपावली की रात में पटाखे जलाने की आशंका है। ऐसा होने पर हवा की सेहत गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है।
दीपावली आते ही पराली जलने की घटनाओं में वृद्धि होना शुरू हो गई है। केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, रविवार को बीते 24 घंटे में उत्तरी भारत में 850 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। वहीं सोमवार को बढ़कर 1318 घटनाएं रिकॉर्ड की गईं।
अगले दो दिन में बदलेगी हवा की दिशा
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, रविवार को हवा की दिशा उत्तर की ओर रही है व हवा की रफ्तार पांच किलोमीटर प्रतिघंटा रही। अगले दो दिनों में यह बदलकर उत्तर-पूर्वी व उत्तर-दक्षिण की ओर होगी। साथ ही हवा की रफ्तार भी कम होगी।
रविवार को मिक्सिंग हाइट का स्तर 1750 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स पांच हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा। अगले 24 घंटे में मिक्सिंग हाइट घटकर 1500 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड तक दर्ज किया जा सकता है। वेंटिलेशन इंडेक्स छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड या इससे कम और हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम होने पर प्रदूषकों को जमने में मदद मिलती है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।