Tuesday, August 19, 2025
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यहां बिकते हैं फुटपाथ

  • ये है भ्रष्टाचार का स्याह सच, लगती है फुटपाथों की बोली

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: फुटपाथ दुकान सजाने के लिए बेचा जाता हैं। 300 से 500 रुपये लिये जाते हैं। बड़ी बात ये है कि नगर निगम, कैंट बोर्ड या फिर पुलिस, इनके पास भी इसका चढ़ावा पहुंचता हैं, जिसके चलते अतिक्रमण की इस अराजकता पर कार्रवाई ही नहीं होती हैं। लालकुर्ती पैंठ बाजार में सबसे बड़ी समस्या यातायात की हैं। यहां दिन भर जाम रहता हैं। इसकी बड़ी वहज अतिक्रमण हैं। फुटपाथ से लेकर सड़क तक दुकानें सजी होने से सड़क संकरी हो जाती है और लोगों को 200 से 400 मीटर की दूरी तय करने में भी 15 से 20 मिनट लग जाते हैं।

‘जनवाणी’ टीम ने गुरुवार को ग्राउंड स्तर पर पड़ताल की तो व्यवस्था की पोल खुल गई। लालकुर्ती पैंठ बाजार में कपड़े से लेकर बर्तन का बाजार यहां पर सजता हैं। यहां पर करीब एक हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें हैं। फुटपाथ चलने के लिए होते हैं, लेकिन यहां पर दुकानें सजी होती हैं। ठेले सजते हैं। इसके बदले में ठेले वाले 200 से 400 रुपये तक रोज के हिसाब से वसूले जाते हैं। जिस दुकान या मकान के आगे ठेले व दुकानें लगती हैं उसी का मालिक ये वसूली करता हैं। एक अनुमान के अनुसार हर रोज एक से डेढ़ लाख की हर रोज वसूली होती हैं।

नगर निगम से लेकर कैंट बोर्ड और पुलिस तक इसका चढ़ावा पहुंचता हैं। नगर निगम और कैंट बोर्ड के अधिकारी दिखावे के लिए यहां पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाते हैं। बाद में फिर से चुप्पी साध ली जाती हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत हुई तो एसपी ट्रैफिक ने तमाम ठेले हटवा दिये थे। एक तरह से सड़क खुली-खुली दिखाई दी थी।

दो दिन जनता को राहत मिली, लेकिन तीसरे दिन फिर से ठेले सड़कों पर सज गए। इसमें ट्रैफिक पुलिस हो या फिर लालकुर्ती थाना पुलिस का सीधे संरक्षण ठेले वालों को मिल रहा हैं। निगम और पुलिस की उदासीनता के चलते फिर से हालात जस के तहस हो गए हैं। इसको लेकर कोई भी गंभीर नहीं हैं। इस तरह से भ्रष्टाचार के फुटपाथ पर कैसे रोक लगेगी? यह बड़ा सवाल हैं।

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