नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। माफिया अतीक अहमद ने सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में जो बताया है वह काफी हैरान करने वाला है। अब सवाल उठता है कि क्या अतीक अहमद बीते कई सालों से पाकिस्तान के इशारे पर यूपी में कोई बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार कर रहा था?
क्या पाकिस्तान से हथियारों की खेप को मंगवा कर वह सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि समूचे देश में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी? क्या यूपी के माफिया सरगना रहे और पूर्व सांसद अतीक अहमद के पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और रिंदा से भी मजबूत रिश्ते हैं?
अब देश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों समेत अतीक अहमद मामले की जांच कर रही एजेंसी के लिए यह सब जानना बेहद जरूरी हो गया है। आंतरिक सुरक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में अतीक अहमद से की जाने वाली मजबूत पूछताछ के साथ कई ऐसे राज खुल सकते हैं, जो न सिर्फ अतीक के काले साम्राज्य को उजागर करेंगे, बल्कि कई अन्य माफियाओं की आतंकी सांठगांठ को भी बेनकाब करेंगे।
माफिया अतीक कई राज्यों में सप्लाई करता था हथियार
पूर्व सांसद रहे माफिया अतीक अहमद का नेटवर्क उतना सीमित नहीं है, जितना कि अब तक माना जा रहा था। अतीक मामले की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद पाकिस्तान के इशारे पर न सिर्फ दहशत फैला रहा था, बल्कि हथियारों की बड़ी खरीद-फरोख्त और उनको देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाने के बड़े नेटवर्क के तौर पर काम कर रहा था। पुलिस ने जिस आधार पर अतीक की रिमांड ली है, उससे कहीं ज्यादा उन्हें अतीक के काले साम्राज्य के खुलासे की उम्मीद है।
सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद सिर्फ पूर्वांचल में ही दहशत फैलाने का काम नहीं करना चाहता था, बल्कि वह पाकिस्तान की शह काम भी कर रहा था। इसमें वह न सिर्फ हथियारों की खरीद-फरोख्त करता था, बल्कि उत्तर प्रदेश से लेकर बंगाल, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में हथियारों की सप्लाई भी कराता था। पुलिस ने ऐसे ही आधारों पर अतीक के काले कारनामों का सच उगलवाने के लिए उसकी रिमांड ली है।
देश की एक बड़ी जांच एजेंसी के अधिकारी की मानें तो इस केस में माफिया अतीक अहमद की कड़ी जोड़ कर आगे की जांच की जा सकती है कि जिस तरीके से अतीक अहमद ने पंजाब में ड्रोन के माध्यम से हथियारों की सप्लाई की बात कबूली है, उससे पंजाब में अतीक अहमद के बड़े नेटवर्क के होने का भी अनुमान है।
इस पूरे मामले में केंद्र की खुफिया एजेंसियों ने भी इनपुट जुटाने शुरू कर दिए हैं। पंजाब में बीते कुछ समय से हथियारों की धरपकड़ और हरियाणा के एक शहर में पकड़े गए बड़े हथियारों के जखीरे और चार आतंकियों के पकड़े जाने को भी अतीक अहमद से जोड़कर देखा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ समय में जिस तरह से हरियाणा, दिल्ली, पंजाब में लगातार आरडीएक्स और अवैध हथियारों के जखीरे बरामद हो रहे हैं, वह पाकिस्तान से पंजाब के रास्ते देश के अलग अलग हिस्सों में पहुंचाए जा रहे हैं। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन मामलों में भी अतीक अहमद की संलिप्तता की जांच की जाएगी।
सिर्फ हथियारों की बड़ी खेप को देश के अलग-अलग हिस्सों में ठिकाने लगाने वाले बड़े नेटवर्क के तौर पर ही अतीक अहमद की जांच नहीं की जाएगी, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे अनेक आतंकी संगठनों से भी उसके गठजोड़ को अब तलाशा जा रहा है।
जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अभी तक की मिली जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद सिर्फ यूपी का माफिया ही नहीं है, बल्कि उसकी जड़ें सीमा पार बैठे पाकिस्तान के आतंकियों और आईएसआई के बड़े गठजोड़ के साथ प्रदेश और देश को खोखला करने में लगी हुई हैं। केंद्र की जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि यूपी पुलिस रिमांड में मिलने वाले इनपुट के साथ केंद्रीय जांच एजेंसी अभी इस मामले में आगे की कार्रवाई करेंगी।
डॉन अबू सलीम से अशरफ का संबंध
जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले साल करनाल में भारी मात्रा में आईडी के साथ कुछ हथियार मिले थे। इस दौरान चार आतंकियों को भी करनाल में इतने बड़े जखीरे के साथ गिरफ्तार भी किया गया था। यह सारा विस्फोटक ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तानी आतंकियों ने पंजाब भेजा और उसके बाद प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में ले जाया जा रहा था। उन सभी आतंकियों का कनेक्शन पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा से सामने आ गया था। पुलिस रिमांड के मुताबिक अतीक अहमद ने पंजाब में हथियारों के नेटवर्क और उनकी सप्लाई की बात स्वीकार की है। इसलिए यह जानना भी जरूरी होगा कि क्या अतीक अहमद का पाकिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा से भी कोई नाता है या नहीं।
जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों की मानें तो अतीक अहमद के भाई अशरफ का संबंध डॉन अबू सलीम से भी है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अबू सलीम से नजदीकी का फायदा उठाते हुए अतीक अहमद अपने बेटे को महाराष्ट्र में सुरक्षित तौर पर छुपाना चाहता था।
सूत्रों का कहना है कि उनको यह पता चला था कि अबू सलेम ने पुणे में असद और गुलाम को छुपाने के लिए बंदोबस्त करने की तैयारी कर ली थी। लेकिन, बात करने से पहले ही मामला बिगड़ गया और उसका एनकाउंटर हो गया। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद की रिमांड के दौरान ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब मिलने की उन्हें उम्मीद है, ताकि उस बड़ी साजिश को बेनकाब किया जा सके जो अतीक अहमद पाकिस्तान के आतंकियों के साथ मिलकर कर रहा था।