Friday, May 23, 2025
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मेडिकल के निजी वार्डों में 125-250 रुपये में कमरे उपलब्ध, दवाएं नहीं

  • सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने में नियम आ रहा आडेÞ
  • आपरेशन के बाद निजी वार्ड में भर्ती मरीजों को नहीं मिलती मुफ्त दवा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सरकारी अस्पतालों में गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मुफ्त व अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानें के लिए सरकार लगातार योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक योजना मेडिकल में भी चल रही है जिसमें मरीजों को निजी कमरे उपलब्ध कराए जाते है।

इन कमरों का किराया भी काफी कम है जिससे मरीज आसानी से इनका लाभ उठा सके। लेकिन यहां भर्ती मरीजों को दवाएं मुफ्त नहीं मिलती है, दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती है जो किसी भी मारीज के लिए काफी मंहगी रहती है। ऐसे में मेडिकल में बने निजी वार्डो में मरीज भर्ती होने से बच रहें हैं।

मेडिकल में उन मरीजों के लिए निजी कमरे उबलब्ध है जिन्हें आॅपरेट होने के बाद कुछ समय तक मेडिकल में भर्ती रहना पड़ता है। साथ ही ऐसे मरीज जिन्हें कोई गंभरी बीमारी तो नहीं है लेकिन दवाओं से इलाज होने तक भर्ती रहना पड़ता है। ऐसे कुल 40 कमरे है जिनमें से 12 कमरे नार्मल है

जिनका एक दिन का किराया महज 125 रूपये व 8 कमरे ऐसे है जिनमें एयरकंडीशनर की सुविधा उपलब्ध है जिनका एक दिन का किराया 250 रूपये है। वहीं अभी 20 कमरे तैयार तो है लेकिन उनमें कुछ काम बाकी है जो जल्द ही मरीजों को उपलब्ध होने लगेंगे। निजी कमरों में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए सिंगल कमरे के साथ अटैच बाथरूम व किचन की भी सुविधा है।

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साथ ही एक बालकनी भी दी गई है। चौबीस घंटे नर्सिंग स्टॉफ भी मरीज की देखभाल के लिए उपलब्ध रहता है। बिजली-पानी की भी पूरी सुविधा निजी कमरों में दी जा रही है। आॅक्सीजन के लिए सिलेंडर का इंतजाम है, पाइप लाइन की सुविधा नहीं है। मेडिकल में आने वाले मरीजों को वह सभी दवाएं बिल्कुल मुफ्त मिलती है जो सरकार उपलब्ध कराती है।

लेकिन निजी वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों को यह सुविधा नहीं मिलती है जो बड़ा सवाल है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों का जबतक भी इलाज चलता है उसमें लगने वाली दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती है। मेडिकल की ओर से मरीजों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती।

कहीं यही वजह तो नहीं मरीज न आने की

किसी भी निजी अस्पताल में एक दिन के कमरे का किराया ही करीब एक हजार के लगभग होता है। लेकिन मेडिकल में बेहद मामूली कीमत पर यह सुविधा उपलब्ध है तो ऐसे में इसका लाभ मरीज क्यों नहीं उठा रहें है यह बड़ा सवाल है। सोमवार को यहां कुल छह मरीज भर्ती रहे जबकि बाकि कमरे खाली है।

मेडिकल में बढ़ी है बेडों की संख्या

मेडिकल में पिछले कुछ समय के अंतराल पर बेडों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब यहां कुल 950 बेड है जबकि लाल बिल्डिंग में 150 बेड उपलब्ध है। सोमवार को मेडिकल में कुल 850 मरीज भर्ती रहें जिनमें से निजी वार्ड में केवल छह मरीज ही है।

मेडिकल के निजी वार्ड में मरीजों को सस्ती दर पर कमरे उपलब्ध है। लेकिन इनमें भर्ती होने वाले मरीजों को दवाएं मुफ्त नहीं मिलती। इसके पीछे वजह यह है कि यदि मरीज निजी कमरे का खर्च उठा सकता है तो वह दवाएं भी खरीद सकता है। वैसे भी यहां गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है, जिन मरीजों को भर्ती किया जाता है उनकी दवाएं बाजार में ज्यादा महंगी नहीं होती। -डा. धीरज बालियान, इंचार्ज निजी वार्ड कंपाउंड।

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