Friday, May 23, 2025
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संत कबीरदास जयंती आज, यहां जानें जीवन से जुड़ी खास बातें…

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और  अभिनन्दन है। आज यानि 4 जून को देशभर में संत कबीरदास जयंती मनाई जा रही है। संत कबीरदास का हिंदी साहित्य में उच्च स्थान रहा है। ये एक महान कवि होने के साथ-साथ समाज सुधारक भी रहे हैं। संत कबीरदास भक्तिकाल के प्रमुख कवि थे।

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उन्होंने अपने पूरे जीवन में समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए कई दोहे और कविताओं की रचना की। संत कबीरदास जी ने आजीवन समाज में फैली बुराइयों और अंधविश्वास की निंदा करते रहे। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से जीवन जीने की कई सीख दी हैं। इस साल यानी 2023 में महाकवि कबीर की 646वीं जयंती है। तो आइये जानते हैं कबीरदास जी से जुडी कुछ खास बातों के बारे में…

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ऐसा कहा जाता है कि उनका जन्म काशी में सन 1398 में हुआ था। उनके जन्म को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ तथ्यों के आधार पर कहा जाता है कि रामानंद गुरु के आशीर्वाद से उनका जन्म एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से हुआ था, लेकिन लोक-लाज के डर से उन्होंने कबीर दास को काशी में लहरतारा नामक तालाब के पास छोड़ दिया था।

जिसके बाद उनकी परवरिश निसंतान नीरू और नीमा नाम के दपंत्ति ने की। वहीं कुछ विद्वानों का मानना है कि कबीर दास जन्म से ही मुस्लिम थे और गुरु रामानंद से उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

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कहा जाता है कि कबीरदास जी को मानने वाले लोग हर धर्म से थे, इसलिए जब उनकी मृत्यु हुई, तो उनके अंतिम संस्कार को लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों में विवाद होने लगा। कहा जाता है कि इसी विवाद के बीच जब शव से चादर हटाई गई तो वहां पर केवल फूल थे। इन फूलों को लोगों ने आपस में बांट लिया और अपने धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया।

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