Friday, May 9, 2025
- Advertisement -

राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, याचिका खारिज

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: आज शुक्रवार को गुजरात गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। इस केस में उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी संसद की सदस्यता भी चली गई थी।

बता दें कि साल 2019 की लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में इसी साल 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने धारा 504 के तहत राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत दे दी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी गई।

कानून के अनुसार, अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ।

अगले ही दिन 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता जाने का आदेश जारी कर दिया। सजा सुनाए जाने के 11 दिन बाद राहुल को सूरत कोर्ट ने 13 अप्रैल तक जमानत दे दी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी सजा को चुनौती देते हुए सूरत सत्र न्यायालय में अपील दायर की थी। अपील के साथ दो याचिकाएं लगाई गईं, पहली सजा के निलंबन के लिए, जो अनिवार्य रूप से नियमित जमानत के लिए है जबकि दूसरी याचिक दोषसिद्धि के निलंबन के लिए है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता की याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई की। हालांकि, इस दौरान सूरत कोर्ट ने दोषसिद्धि के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को अपना आधिकारिक बंगला खाली कर दिया। कहा कि यह सच बोलने के लिए चुकाई गई कीमत है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन तक 10 जनपथ पर अपनी मां के आवास पर रहेंगे।

इससे पहले, 27 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक अपना आधिकारिक आवास खाली करने को कहा था।

तीन मई को दूसरे आवेदन यानी दोषसिद्धि के निलंबन की याचिका पर कोर्ट सुनवाई की। जस्टिस प्रच्छक ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे।

गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने कहा कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 मामले लंबित हैं। मौजूदा केस के बाद भी उनके खिलाफ कुछ और केस भी दर्ज हुए हैं।

ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है। न्यायमूर्ति ने कहा कि दोषसिद्धि से कोई अन्याय नहीं होगा। दोषसिद्धि न्यायसंगत एवं उचित है। पहले दिए गए आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है।

इस केस में राहुल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या संसद सदस्य के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे। हालांकि, वह हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

इस बीच, कोझिकोड में एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Muzaffarnagar News: बडसू के ग्रामीणों को मिला वित्तीय साक्षरता का पाठ

जनवाणी संवाददाता मुजफ्फरनगर: खतौली ब्लॉक के ग्राम बडसू में क्रिसिल...

IDBI Jobs: आईडीबीआई बैंक में जूनियर असिस्टेंट मैनेजर के पदों पर भर्ती, जल्द करें आवेदन

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

31 जुलाई तक टला मालेगांव बम धमाके का फैसला, एनआईए की विशेष अदालत ने बताई वजह

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Pradosh Vrat 2025: मई का पहला प्रदोष व्रत कल, जानें पूजा विधि और भगवान शिव की आरती

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img