Wednesday, July 23, 2025
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भरपूर लें धूप खुद को रखें स्वस्थ और जिंदादिल

Sehat


आज लोग धूप में बाहर घूमने की बजाय सूरज की किरणों से दूर एयरकंडीशनर रूम में रहना पसंद करते हैं। सर्दियों में भी वह ज्यादा धूप सेंकना पसंद नहीं करते, उन्हें लगता है कि इससे उन्हें टैनिंग हो सकती है। वे ऐसे लोग सूरज की किरणों से मिलने वाले लाभ से खुद को वंचित रखते हैं। भारत में शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में 80 प्रतिशत में विटामिन-डी की कमी पाई जाती है।

धूप सेंकना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन-डी की कमी और सूर्य की किरणों से दूर रहने से आपको ब्लड कैंसर जैसी घातक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। एक नए शोध से यह बात सामने आई है। दुनिया के 132 देशों में ल्यूकेमिया के मामलों का जायजा लेने के बाद वैज्ञाानिकों ने पाया कि भूमध्यरेखीय आबादी की तुलना में उच्च अक्षांक्ष में रहने वाले लोगों में कैंसर होने की दोगुनी संभावना होती है।

यूवी-बी और विटामिन-डी का महत्व

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर सेड्रिक गारलैंड का कहना है कि दुनिया भर में ल्यूकेमिया की वृद्धि के पीछे विटामिन-डी की कमी हो सकती है। अध्ययन के अनुसार ध्रुवों की निकटता वाले देश जैसे आॅस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चिली, आयरलैंड में ल्यूकेमिया की उच्च दर देखी जाती है। वहीं भूमध्यरेखीय निकट देशों में इस रोग की दर काफी कम पाई गई है।

गारलैंड के मुताबिक जो व्यक्ति यूवीबी यानी अल्ट्रावायोलेट-बी किरणों से दूर रहते हैं या ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहां पर सूरज का प्रकाश कम होता है, उनके ब्लड में विटामिन-डी की कमी सबसे अधिक पाई जाती है। इस शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि यूवी-बी किरणें और विटामिन- डी की कमी का कैंसर के खतरों के साथ सीधा
संबंध है।

आइये जानें सात और ऐसे फायदे कि आपको क्यों सेकनी चाहिए धूप।

मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए

यह तो आज सभी जानते हैं कि धूप में मौजूद विटामिन-डी आहार में लिए गए कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण को सुनिश्चित करने वाला निर्णायक कारक है। यानी बोन डेन्सिटी और विटामिन डी के बीच सीधा संबंध है और विटामिन-डी का सस्ता सुलभ साधन धूप सेंकना ही है। उधर यूनिवर्सिटी आॅफ कैंब्रिज के न्यूरोसाइंटिस्ट डेविड लेवलिन के नेतृत्व में एक टीम ने 65 साल से बुजुर्ग लोगों पर किए एक अध्ययन में साबित किया है कि विटामिन डी के स्तर का उनके संज्ञानात्मक प्रतिक्रिया में प्रभाव होता है। यहां तक कि विटामिन डी उनके मस्तिष्क में याद्दाश्त को बनाए रखने, बचाने और नए सूचनाओं को संग्रहित करने में भी मददगार है। एक अन्य अध्ययन के मुताबिक दांतों की मजबूती के लिए विटामिन-डी बहुत जरूरी होता है। विटामिन-डी की कमी के कारण मसूड़ों पर सीधा असर पड़ता है और वह खराब हो जाते हैं। दांतों को हड्डियों से जोड़ने वाले उत्तक विटामिन-डी की कमी के कारण कमजोर हो जाते हैं, जिससे दंत-क्षय हो सकता है। विटामिन-डी से आपके दांतों में एंटीमाइक्रोबॉयल, पेप्टीसाइड्स, कैथलीकडीन, बीटो-डेफिसिन-2, का उत्पादन होता है, जो दांत सड़ने के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया से बचाव करता है। विटामिन डी दांतों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।

आंखों की रोशनी बढ़ाता विटामिन-डी

सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से आंखों को बचाने के लिए लोग धूप का चश्मा लगाते हैं। विटामिन-डी आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक होता है। इंस्टीट्यूट आॅफ आॅप्थेमेलॉजी एट यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन द्वारा हाल ही में हुए एक अध्ययन में बताया गया है चूहों को विटामिन डी देने के बाद उनकी आंखों की रोशनी में वृद्धि देखी गई।

धूप बचाती है ब्रेस्ट कैंसर से

यूनिवर्सिटी आॅफ टोरेंटो के शोधकतार्ओं ने औरतों द्वारा धूप सेंकने और ब्रेस्ट कैंसर के बीच गहरा संबंध होने की बात कही है। विटामिन- डी के सेवन से औरतें खुद को कैंसर से दूर रख सकती है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर भी शामिल है। इस शोध में 6,500 महिलाओं लेकर अध्ययन किया गया जिसमें उन्हें हफ्ते में 21 घंटों के लिए धूप सेंकने के लिए कहा गया, उनमें इस तरह के कैंसर के मामलों में कमी देखी गई।

फोटिफाइज मेडिटेशन

स्वीडन में हुए एक अध्ययन से यह पता चला है कि कुछ दवाईयां आपके शरीर पर किस तरह से काम करती है। यह पूरी तरह से मौसम पर निर्भर करता है। ज्यादा सूरज की किरणों के संपर्क में रहने का मतलब है ज्यादा विटामिन-डी लेना, जो हमारे लिवर के डिटॉक्सिफिकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसका परिणाम होता है कि उपचार में ली जाने वाली कुछ दवाईयां शरीर पर जल्दी और असर करती हैं।

रक्तचाप होता है नियंत्रित

यूनिवर्सिटी आॅफ एडनबर्ग के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि प्रतिदिन केवल 20 मिनट धूप में रहने से खून में नाइट्रिक आॅक्साइड का स्राव यानी रिलीज होने लगता है जो रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है। नाइट्रिक आॅक्साइड के स्राव से दिल का दौरा पड़ने और रक्त में कोलोस्ट्रॉल बढ़ने के खतरे कम होने के संकेत मिले हैं।

डिप्रेशन में फायदेमंद

विशेषज्ञों का मानना है कि सूरज की किरणों से दूरी होने पर सीजनल अफेक्टिव डिस्आर्डर यानी सैड से, विशेषकर ठंड के दिनों में ग्रसित होने की आशंका भी होती है। दिन के समय बंद आॅफिस केबिन में काम करने वालों में यह आम समस्या है। सूर्य की किरणें मस्तिष्क से एंटीडिप्रेसेंट और मूड को उत्साहपूर्ण बनाने वाले सेरोटोनिन जैसे रसायन के नैसर्गिक स्राव में मददगार पाई गई हैं।

बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

सूरज हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे हमारे शरीर में बैक्टीरिया और बीमारियों के वायरस से लड़ने की ताकत में वृद्धि होती है। यूनिवर्सिटी आॅफ कोपनहैगन के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि विटामिन-डी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वह टी-सेल्स को किलर सेल्स में बदल देता है जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कई वैज्ञानिक मानते हैं कि विटामिन डी आपको कई तरह के त्वचा के इंफेक्शन से बचाने में सहायता करता है।


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