Sunday, September 8, 2024
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दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में भी पास, केंद्रीय गृहमंत्री दिया करारा जवाब

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: आज सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया जिस पर चर्चा हुई। हालांकि विपक्षी दलों ने बिल के विरोध में जमकर हंगामा किया। इस दौरा बिल पास हो गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष को जवाब देते हुए यह भी बताया कि यह कांग्रेस पार्टी ने बनाई थी हमने हूबहू वही बिल पेश किया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जवाब देने के बाद बिल पर वोटिंग कराई गई। विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से प्रस्तावित किए गए सभी संशोधन ध्वनिमत से नकार दिए गए। बिल पर हुए मतदान में पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े। इसी के साथ बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई।

इस दौरान उन्होंने साफ किया कि दिल्ली का मामला अन्य राज्यों से अलग है। उन्होंने पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर भी तर्क दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल से सुप्रीम कोर्ट के किसी फैसले का उल्लंघन नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस बिल का उद्देश्य है कि दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार मुक्त शासन हो। बिल के एक भी प्रावधान से, पहले जो व्यवस्था थी, उस व्यवस्था में एक इंच मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि दिल्ली की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बिल लाया गया है। इस बिल का मकसद भ्रष्टाचार को रोकना है। इसके उद्देश्य संविधान के मुताबिक ही है। इस बिल का कोई भी प्रावधान संविधान का उल्लंघन नहीं करते।

पहले दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर झगड़े नहीं होते थे: अमित शाह
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने कहा कि कई बार केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में भाजपा की सरकार थी, कई बार केंद्र में भाजपा की सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस की, उस समय ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कभी झगड़ा नहीं हुआ। उस समय इसी व्यवस्था से निर्णय होते थे और किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई। 2015 में एक ‘आंदोलन’ के बाद एक नई पार्टी अस्तित्व में आई और उनकी सरकार बनी।

सारी समस्या उसके बाद ही शुरू हुई। कई सदस्यों द्वारा बताया गया कि केंद्र को शक्ति हाथ में लेनी है। हमें शक्ति लेने की जरूरत नहीं, क्योंकि 130 करोड़ की जनता ने हमें शक्ति दी हुई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पर जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने कहा कि केंद्र सत्ता अपने हाथ में लेना चाहती है। केंद्र को ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि भारत के लोगों ने हमें शक्ति और अधिकार दिया है।

पूर्व प्रधानमंत्री की सदस्यता बचाने के लिए बिल लेकर नहीं आए: अमित शाह
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि संविधान सभा में सबसे पहला संविधान संशोधन पारित किया गया था।

तब से संविधान को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। हम संविधान में बदलाव आपातकाल डालने के लिए नहीं लाए हैं। हम संविधान में बदलाव उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री की सदस्यता को पुनर्जीवित करने के लिए नहीं लाए हैं।

कांग्रेस सिर्फ AAP को खुश करने के लिए विधेयक का विरोध कर रही: गृह मंत्री
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ आम आदमी पार्टी को खुश करने के लिए दिल्ली से संबंधित विधेयक का विरोध कर रही है।

हम संविधान के तहत बिल लाए हैं। इसका मकसद प्रशासन को दुरुस्त करना है। यह बिल हम शक्ति को केंद्र में लाने के लिए नहीं, बल्कि केंद्र को दी हुई शक्ति पर दिल्ली UT की सरकार अतिक्रमण करती है, इसको वैधानिक रूप से रोकने के लिए यह बिल लेकर लाए हैं।

उन्होंने कहा कि शब्दों के श्रृंगार से असत्य को सत्य नहीं बनाया जा सकता। ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी के सुंदर, लंबे शब्दों को बोलने से असत्य को सत्य नहीं बनाया जा सकता।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के विरोध के बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ। उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ लगभग तीन टन आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और अस्तित्व में आए।

आज वे इस बिल के विरोध में कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं। जिस क्षण यह बिल पारित हो जाएगा, अरविंद केजरीवाल पलट जाएंगे, ठेंगा दिखाएंगे और कुछ नहीं होने वाला। ऐसे ही बिहार में जदयू का जन्म राजग के विरोध के लिए हुआ, लेकिन अब वो भी साथ हैं।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट AAP सरकार सतर्कता विभाग में अधिकारियों का तबादला कर दिया क्योंकि ‘आबकारी घोटाले’ से संबंधित फाइलें वहां पड़ी थीं। इसलिए इस बिल को लेकर आना पड़ा है।

अमित शाह ने कहा कि मणिपुर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है। हम 11 तारीख को चर्चा कर लेते हैं। हम तैयार हैं, क्योंकि हमें कुछ छिपाना नहीं है। विपक्ष चचा से भाग रहा है, क्योंकि उन्हें बहुत कुछ छिपाना है। वे मतदान के तहत चर्चा चाहते हैं। ऐसा इसलिए कि उन्हें लगता है कि सरकार अल्पमत है। ऐसा कुछ है नहीं, लेकिन उनका ऐसा मानना है। अगर ऐसा है तो इसा बिल पर वोटिंग करिए। विपक्ष में दम है तो इस बिल को गिरा दे।

दिल्ली सेवा विधेयक पर राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दो सदस्य (बीजद सांसद सस्मित पात्रा और भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी) कह रहे हैं कि उन्होंने AAP सांसद राघव चड्ढा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव (चयन समिति का हिस्सा बनने के लिए) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

अब यह जांच का विषय है कि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कैसे हो गए। एआईएडीएमके सांसद डॉ. एम. थंबीदुरई का भी दावा है कि उन्होंने कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और यह विशेषाधिकार का मामला है। इस पर राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि चार सांसदों ने मुझे लिखा है कि उनकी ओर से कोई सहमति नहीं दी गई है और इसकी जांच की जाएगी।

अमित शाह के जवाब के दौरान भी राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। पहली बार कुछ सांसदों ने गृह मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई, उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि शाह ने असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया। फिर कांग्रेस पर अमित शाह के हमले के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने नाराजगी जताई। इसके बाद अमित शाह ने आबकारी घोटाले का जिक्र किया तो भी एक फिर कुछ सांसद विफर पड़े।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धपखड़ ने टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आप केवल व्यवधान और अव्यवस्था पैदा करने के लिए उठ रहे हैं।

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