Saturday, July 27, 2024
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कातिलों को सजा मिलते ही बेटे ने अल्लाह का किया शुक्रिया अदा

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  • यूकेजी के छात्र अयान के सामने हुआ था मां और पिता का बेरहमी से कत्ल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जिस वक्त हरियाणवी गायिका ललिता शर्मा और उसके पति मोनू शेख की निर्मम हत्या की गई थी, उस वक्त उसके बेटे अयान की उम्र सात साल की थी। जब सवा आठ साल बाद मम्मी और पापा के कातिलों को सजा मिली तब बेटा पन्द्रह साल पूरा कर चुका है। जब घर वालों ने मासूमियत खो चुके अयान को कातिलों को सजा के बारे में बताया तो उसने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। उसकी आंखों में आंसू आ गए और मां बाप की तस्वीर को उसने कलेजे से लगा लिया।

ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के ईरा गार्डिनिया एस्टेट कॉलोनी के रहने वाले मोहम्मद हम्मद उमर पुत्र मोहम्मद सद्दीक ने ब्रह्मपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सात अप्रैल 2015 को सुबह करीब 6.30 बजे वह कॉलोनी में टहल रहा था। मोनू शेख के फ्लैट के सामने पहुंचा तो मोनू का छह वर्षीय बेटा अयान दौड़ता हुआ उसके पास आया और कहने लगा कि उनके घर के नौकर सलमान और आदिल ने उसकी मां ललिता और उसके पिता मोनू शेख को छुरी से काटकर मार दिया है।

कॉलोनी के लोग भीतर पहुंचे तो दोनों के खून से लथपथ शव पड़े थे। कॉलोनी निवासी एडवोकेट अलाउद्दीन सिद्दिकी व डॉ. जावेद ने सलमान और आदिल को खून से सने कपड़े पहने हुए बाइक से भागते देखा था। दोनों आरोपियों को पुलिस ने उसी शाम गिरफ्तार कर लिया था। दोनों हत्यारोपी की तलाशी में मरने वालों के रुपये और अन्य सामान बरामद हुआ था। पुलिस ने विवेचना में दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया।

न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदिल व सलमान को हत्या करने का दोषी मानते हुए दंडित किया। जिस वक्त अयान के माता पिता की हत्या हुई उस समय मां ललिता आठ माह की गर्भवती थी। दंपति की हत्या कर जब सलमान और आदिल रुपये लेकर जा रहे थे, तभी मासूम अयान की नींद खुल गई। अपनी मां और पिता का शव देखकर उसकी चीख निकल गई। भेद खुलने की डर से आरोपियों ने अयान को भी कब्जे में कर लिया।

इस बीच आरोपी एक गलती कर बैठे। खून से सने हाथ धोने और कपड़े बदलने के लिए आदिल, सलमान के साथ ही अयान को भी अपने घर लेकर चला गया। जहां अयान ने चिल्लाकर आदिल के दोस्त नीरज चौहान को हत्या की बात बता दी। इसके बाद आरोपी अयान को वहीं छोड़कर बाइक से फरार हो गए। अयान ने हिम्मत दिखाते हुए उस वक्त के एसएसपी सुभाष सिंह बघेल को बताया था कि हत्या के बाद यह सब देखकर मैं डर के चलते कुछ बोल नहीं पाया।

पापा के गिरने पर मेरी चीख निकली तो सलमान की नजर मुझ पर गई। सलमान अंकल ने मुझे बहकाते हुए चुप रहने को कहा। बाद में आदिल अंकल मुझे घसीटते हुए अपने घर ले गए। जहां दूसरे अंकल के मिलने पर मुझे छोड़कर भाग गए। डबल मर्डर का चश्मदीद गवाह मासूम अयान बना था। एसएसपी एसएस बघेल ने खुद ही अयान के बयान दर्ज किए थे। उसने निडरता से पुलिस को कत्ल की सिलसिलेवार कहानी सुनाई थी।

एसएसपी को अयान ने बताया कि मेरी मम्मी को सलमान अंकल और पापा को आदिल अंकल ने मारा है। साढ़े आठ साल से दोनों आरोपी जेल में बंद चल रहे थे। पुलिस ने मामले में 09 गवाह बनाये थे। इसमें बेटा अयान भी शामिल था। अधिवक्ता ओमकार सिंह भाटी व प्रमोद विकल ने न्यायालय में बहस करते हुए बताया कि आरोपियों के द्वारा किया गया अपराध गम्भीर प्रवृत्ति का है उन्होंने अपने ही मालिकों की लूट करने के आशय से निर्मम तरीके से हत्या की है।

न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनो आरोपियों को आजीवन कारावास व 70 हजार रुपए के जुमार्ने से दण्डित किया है। सजा मिलने के बाद मृतकों के परिवारों ने चैन की सांस ली और अपने वकीलों का आभार व्यक्त किया। अयान को आज भी हत्याकांड की सारी वारदात आंखों में बसी हुई है। उसके मां बाप भले ही उससे हमेशा के लिये दूर चले गए हों लेकिन उनकी यादें उसके जेहन में हमेशा ताजा रहती हैं।

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