- शहर की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें या तो खराब हैं या पड़ी हैं बंद
- शहरवासी, राहगीर निगम की लापरवाही का दंश जनता झेलने को मजबूर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश में प्रकाश व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश जारी कर रखे हैं। बावजूद इसके शहर की प्रकाश व्यवस्था बदहाल हो चुकी है, मुख्य मार्ग हो या फिर गली-मोहल्ला अधिकांश स्ट्रीट लाइट या तो खराब हैं या फिर बंद पड़ी हैं। जिसके चलते शहरवासी व राहगीर नगर निगम की लापरवाही का दंश झेलने को मजबूर है। स्ट्रीट लाइट के मेंटीनेंस में लाखों रुपये का खर्च आता है। काफी समय से ठेकेदार का भुगतान नगर निगम में अटका पड़ा है। जिसके चलते ठेकेदार कार्य करने के लिए तैयार नहीं है। शहर की प्रकाश व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रकाश व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। इस बाबत शसन-स्तर से सख्त आदेश भी जारी कि ए गए हैं। बावजूद इसके शहर की प्रकाश व्यवस्था बदहाली के आखिरी छोर पर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें या तो खराब हैं या फिर बंद पड़ी हैं। बेगम पुल से मेडिकल तक मुख्य मार्ग पर कई जगह स्ट्रीट लाइट रात के समय अचानक बंद पड़ जाती हैं। इस बीच में कई स्ट्रीट लाइट खराब हैं। वहीं, शहर की अधिकांश कालोनियों में भी कई जगह स्ट्रीट लाइट खराब हैं।
कैलाशपुरी, राजेन्द्र नगर, शास्त्री नगर, जागृति विहार, ब्रह्मपुरी आदि कालोनियों में अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब होने के कारण कई जगहों पर रात के समय रोशनी नहीं रहती। वहीं, रोहटा रोड पर भी कई स्ट्रीट लाइटें जर्जर हालत में हैं, जो कभी चालू हो जाती है तो कभी अचानक बंद पड़ जाती हैं। इसके अलावा बागपत रोड, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड पर भी कई स्थान पर स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई हैं। टीपीनगर थाने के समीप कई स्ट्रीट लाइट खराब हैं। जिसके चलते राहगीरों और शहर वासियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि नगर निगम में स्ट्रीट लाइटों का कार्यभार संभालने वाले ठेकेदार का लाखों रुपये का भुगतान काफी समय से नगर निगम में अटका पड़ा है। जिसके चलते ठेकेदार स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव में कोताही बरत रहा है। नगर निगम की अनदेखी के कारण शहर में अधिकांश जगहों पर अंधेरा छाया रहता है। इस बाबत सकारात्मक कार्रवाई के बजाय नगर निगम के अफसर मौन साधे हुए बैठे हैं। इस बारे में जब नगर आयुक्त से वार्ता करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।