नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। गुर्दे की पथरी होना आजकल आम बात हो रही है। दरअसल, पेशाब के साथ क्षारीय तत्वों का निकलना आम बात है किंतु जब ये निकल नहीं पाते, रुक जाते हैं, धीरे-धीरे जमने लग जाते हैं, तब इसी से पथरी बन जाती है।
यदि गुर्दे, मूत्राशय तथा मूत्र नली में क्षारीय तत्व न रुकें तथा पेशाब के साथ बहते रहें तो ठीक है। वरना यही पथरी बन जाती है। तो आज हम बताएंगे आपको गुर्दे की पथरी के घरेलू इलाज, शायद यह आपके लिए रामबाण इलाज हो सकता है। तो बिना देर किए चलिए जानते हैं….
प्याज से
बड़ा प्याज लें। इसे साफ करें। पीस कर रस निकालें। यदि इसे कपड़े से छानें तो अधिक साफ रस निकलेगा। इसे रोगी को खाली पेट पिला दें। कुछ ही दिनों में पथरी टूट कर निकल जाएंगी।
चुकंदर से
दो बार चुकंदर लें। इन्हें साफ कर, काट कर पानी में उबालें। एक कप पानी तैयार करें। चुकंदर को मसल कर छान लें। इस पानी को पीने से आराम मिलेगा। उपचार चार सप्ताह करें।
खीरा से
भले ही प्याज वाला उपचार करें या चुकंदर वाला, भोजन के साथ ताजा नरम खीरा खाएं। यह नियमित खाया करें। आराम मिलेगा। चार सप्ताह तक उपचार करें।
चौलाई का साग से
जिसे गुर्दे की पथरी परेशान करती है, दिन में 8-4 कटोरी चौलाई के उबले साग को खायें। आराम आता जाएगा।
बथुआ से
आधा किलो बथुआ को चार गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो अच्छी प्रकार मथ कर छान लें। इसे दिन में एक-एक कप पीते रहे।
इस बथुए के पानी में सेंधा नमक, काली मिर्च, जीरा पीस कर डालकर पीने से अधिक लाभ होगा। यह उपचार भी चार सप्ताह चले। पथरी निकल जाएगी।
परहेज तथा सावधानियां
धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। कोई भी नशा, शराब, गुटका चरस हो, कभी न ले। नमक का सेवन पूरी तरह बंद कर दें। नींबू, टमाटर, खट्टा दही भी प्रयोग न करें।
त्रिफला लेते रहना अच्छा रहता है। मांसाहारी भोजन भी पूरी तरह त्याग दें। ऐसे रोगी करेले की सब्जी, परवल तथा जौ लें।
इस रोग में नारियल का पानी, गन्ने का रस, ठीक रहते हैं।
तरबूज तथा जामुन खाना भी अच्छा फायदा करता है।
इलाज के साथ परहेज करने से जल्दी फायदा होता है। चिकित्सक की सलाह अवश्य लेते रहें।