- भूल सुधार के लिए दोबारा एस्टीमेट बनाकर स्वीकृति के लिए शासन को किया प्रेषित
- 8.65 करोड़ की लागत से बन रही आधुनिक तकनीक वाली शूटिंग रेंज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एस्टीमेट केयर करने वाले अधिकारियों के लापरवाही का एक बड़ा नमूना शूटिंग रेंज में देखने को मिला है। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में राजकीय निर्माण विभाग के माध्यम से पिछले तीन वर्ष से बनाई जा रही शूटिंग रेंज एस्टीमेट में टारगेट का कोई प्रावधान ही नहीं रखा गया।
तीन साल बाद यह बात सामने आई, तो स्टेडियम और निर्माण से जुड़े अधिकारी हैरान रह गए। फिलहाल इस भूल को सुधारने के लिए टारगेट का अलग से एस्टीमेट तैयार करके शासन को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। फिलहाल एस्टीमेट की स्वीकृति तक लगभग बन कर तैयार होने के बावजूद शूटिंग रेंज में निशानेबाजों के लिए अभ्यास कर पाना संभव नहीं हो सका है।
कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस शूटिंग रेंज का 2021 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसे दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन पहले एक साल में केवल 25 प्रतिशत ही काम हो सका। ऐसा राज्य सरकार से मिलने वाला फंड मिलने में विलंब के कारण हुआ।
दरअसल स्टेडियम में तैयार हो रही शूटिंग रेंज के निर्माण का बजट एक साल पहले 8.65 करोड़ से अधिक था। साथ ही इसे दो साल में बनकर खिलाड़ियों के लिए शुरू होना था, लेकिन राज्य सरकार से आनें वाला बजट समय पर नहीं मिल पाने के कारण इसमें अवरोध उत्पन्न हुआ।
बताया गया है कि जैसे तैसे करके शूटिंग रेंज तैयार करने के लिए धनराशि और मुक्त की गई। और इसके लिए आवश्यक बिल्डिंग का निर्माण कर लिया गया, लेकिन अधिकारी उस समय हैरान रह गए, जब उन्हें पता चला कि 8.65 करोड़ रुपये के भारी भरकम बजट में एस्टीमेट बनाने वाले अधिकारियों की ओर से टारगेट लगाने के लिए कोई प्रावधान ही नहीं रखा गया है।
यह बात सामने आने के बाद स्टेडियम के अधिकारियों ने निर्माण विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और बिना टारगेट के शूटिंग रेंज के निर्माण के औचित्य पर सवाल खड़ा किया। तब जाकर एस्टीमेट तैयार करने वाले अधिकारियों को अपनी भूल का एहसास हुआ। और नए सिरे से टारगेट के लिए एस्टीमेट तैयार किया गया। जिसे फिलहाल स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर भेजा गया है।
शासन स्तर से इसकी स्वीकृति मिलने के बाद ही शूटिंग रेंज में टारगेट लगाने का काम पूरा किया जा सकेगा। इसके बाद ही शूटिंग रेंज को विधिवत रूप से उद्घाटन करके निशानेबाजों के लिए उपलब्ध कराया जा सकेगा। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में शूटिंग के लिए वर्ष भर का अगर औसत देखा जाए तो करीब 70 खिलाड़ी स्वीमिंग पूल के नीचे बनी बेहद छोटी रेंज में अभ्यास कर रहे हैं।
जिसमें केवल 10 मीटर तक की निशानेबाजी का अभ्यास हो पाता है। अभी तक जिस रेंज में खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं, उसमें केवल छह लाइनें हैं। जो इतने खिलाड़ियों के लिए नाकाफी है। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम के अधिकारियों का मानना है कि एक आदर्श रेंज में कम से कम 10 लाइन होनी चाहिए।
स्टेडियम के हॉस्टल के बराबर में तैयार हो रही नई शूटिंग रेंज में सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं होगी। इसमें खिलाड़ियों की पिस्टल व राइफल रखने के लिए स्टैंड, बुलट के लिए होल्डर, लक्ष्य पर निशाना लगने के बाद सीधे कंप्यूटर पर रिकार्ड होने जैसी सुविधाएं शामिल हैं। राजकीय निर्माण निगम के माध्यम से बनाई जा रही शूटिंग रेंज में अभी टारगेट लगाए जाने का काम शेष है। इसके संबंध में शूटिंग रेंज का निर्माण कार्य फिलहाल एस्टीमेट बनाकर स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति का इंतजार है। -योगेन्द्र पाल सिंह, प्रभारी क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी, मेरठ मंडल, मेरठ