Thursday, July 3, 2025
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नाम महानगर बस सेवा, चल रही हैं देहात में

  • सीएनजी, इलेक्ट्रिक और वोल्वो बसें हैं संचालित
  • यात्री इन सेवाओं का लाभ लेने से रह जाते हैं वंचित

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एमसीटीएसएल के अंतर्गत संचालित सीएनजी, इलेक्ट्रिक और वोल्वो बसों को देहात क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है। जिसके कारण महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले यात्री इन सेवाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। इन तीनों प्रकार की बसों को बाइपास, सरधना, जम्बूदीप-हस्तिनापुर, शाहजहांपुर किठौर आदि क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा है।
नगरीय परिवहन विभाग के माध्यम से संचालित होने वाली और निरंतर बड़े घाटे में चलने वाली इन बसों का प्रमुख उद्देश्य महानगर क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण से बचाना है।

इनके लिए सरकार की ओर से विभाग को भारी भरकम सब्सिडी भी दी जाती है। जिससे नगरीय परिवहन विभाग अपने घाटे से उबर सके। इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों ने महानगर क्षेत्र में पांच प्रतिशत बसों का संचालन भी नहीं किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश बसें देहात क्षेत्र में चलाई जा रही हैं। मेरठ में इस समय 96 सीएनजी, 50 इलेक्ट्रिक और आठ वोल्वो बसों का संचालन किया जा रहा है।

एमएसटी से केवल छह लाख रुपये की आय

एमसीटीएसएल के अंतर्गत संचालित की जा रही 96 सीएनजी बसों में औसतन 88 का संचालन किया जाता है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इन बसों के संचालन से प्रतिमा करीब एक करोड़ रुपये की आय अर्जित की जाती है। वहीं महीने में 900 से 1000 के बीच एमएसटी बनाई जाती हैं। जिनसे हर महीने करीब 5-6 लाख रुपये की आय प्राप्त होती है। इन आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो एमएसटी सेवा का लाभ लेने वाले यात्रियों की संख्या भी 5-6 प्रतिशत से अधिक नहीं हो पा रही है। यह स्थिति तब है, जबकि सीएनजी बसों को यात्रियों ने एक नाम एमएसटी बस भी दे रखा है।

सिर्फ देहात में होता है सीएनजी बसों का संचालन

सोहराब गेट स्थित डिपो में बनाई गई वर्कशॉप में 96 सीएनजी बसें उपलब्ध हैं। इनमें से श्यामा-श्याम कंपनी के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 88 बसों का संचालन किया जाता है। जबकि विभाग की ओर से कुल 90 बसों के संचालन का शैड्यूल बनाया गया है। इनमें से 48 रात्रि कालीन और 42 दिन में संचालित सेवा में शामिल बताई गई हैं। मोदीपुरम-मोदीनगर मार्ग पर 30 बसें, किठौर और सरधना मार्ग पर 20-20 बसें दिन और रात में संचालित की जाती हैं। मुल्हैड़ा में दो, खानपुर में एक, खेड़ा में दो, हर्रा में तीन बसें चलाई गई हैं।

जबकि सिवाया में दो बसें दिन और एक रात्रि सेवा में लगाई गई हैं। रार्धना में एक बस, भोला सतवाई में दो बस रात्रि कालीन सेवा में लगाई गई हैं। पिठलोकर में एक बस दिन और एक रात की सेवा में शामिल की गई है। करनावल में तीनों बसें रात्रि कालीन सेवाओं के लिए और बहरामपुर में जाने वाली बस दिन में संचालित की रही है। इन बसों के माध्यम से मेरठ महानगर के लिए कोई सेवा शामिल नहीं की गइ है।

इलेक्ट्रिक बसों का भी देहात में संचालन

लोहिया नगर डिपो से संचालित होने वाली इलेक्ट्रिक बसों की अगर बात की जाए, तो यहां उपलब्ध 50 बसों में से दो बसें किसी न किसी कारण से वर्कशॉप में रहती हैं। जबकि 48 बसें मार्गो पर संचालित होती हैं। इनमें से सरधना मार्ग पर 12, जम्बूदीप मार्ग पर 21, शाहजहांपुर मार्ग पर 11 बसों का संचालन किया जाता है।

मेरठ महानगर की अगर बात की जाए, तो इनमें से केवल पांच बसें सिटी स्टेशन से मेडिकल के बीच चलाई जाती हैं। इन्हीं पांच बसों के माध्यम से बेगमपुल, मेडिकल, कमिश्नरी, सीसीएस यूनिवर्सिटी, साकेत आदि क्षेत्रों को कवर किया जाता है। कुल मिलाकर महानगर सेवा के अंतर्गत चलने वाली इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें देहात क्षेत्र की ही सेवा अधिक कर पाती हैं।

रजिस्टर में दर्ज बसों को ही मिलेगा भुगतान

मुख्य वित्त अधिकारी महानगर बस सेवा मुकेश अग्रवाल ने कहा है कि मोदीनगर सिवाया मार्ग पर बसों के सुचारू संचालन के लिए एक लिपिक की ड्यूटी लगाई गई है। इस लिपिक का काम सिवाया मोदीनगर मार्ग पर चलने वाली बसों का लेखा-जोखा रखना होगा। अब केवल उन्हीं बसों का भुगतान किया जाएगा, जिनका लेखा-जोखा लिपिक के पास रजिस्टर में दर्ज कराया जाएगा। गौरतलब है कि सिवाया मार्ग पर बसों के संचालन में मार्ग कटौती करके अधिक दशार्ये जाने के संबंध में जनवाणी ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया है। जिसका संज्ञान लेते हुए एमडी संदीप कुमार नायक के निर्देश पर यहां लिपिक को तैनात किया गया है।

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