जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए एक अहम निर्णय लिया। सरकार ने तय किया है कि अब राजधानी में सक्रिय कांवड़ समितियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से वित्तीय सहायता दी जाएगी। यानी सरकार द्वारा जारी की जाने वाली रकम सीधे समितियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेखा गुप्ता बोलीं?
सीएम रेखा गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम एक और नई नीति लेकर आए हैं। कांवड़ यात्रा में हजारों शिवभक्त शामिल होते हैं, कैबिनेट बैठक में इसके लिए एक ऐतिहासिक फैसला किया है। पहले सरकार टेंट, सर्विस के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये जाते थे, जनता तक सुविधाएं पहुंचती नहीं थीं। कांवड़ समितियों ने बताया कि आखिरी वक्त तक टेंट लगता नहीं था। कांवड़ समितियां परेशान होती थीं, सरकार ने सुविधाएं देने के लिए कोई सुधार नहीं किया।
आगे सीएम रेखा ने आगे कहा कि कांवड़ समितियों को अब सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करेगी। रजिस्टर संस्थाएं डीएम ऑफिस में अप्लाई करेंगी। 11 डीएम ऑफिस में सिंगल विंडो सिस्टम पर 72 घंटे के अंतराल पर सारी सुविधाएं दी जाएंगी। बिलिंग पेंडिंग रहती थीं, अब हम चार कैटेगरी में पैसा देंगे। कम से कम 50 हजार रुपये, अधिकतम 10 लाख रुपये के हिसाब से सरकार फंड देंगे। 50 फीसदी पेमेंट पहले देंगे, 50 फीसदी बाद में मिलेगी। तीन महीने में एकाउंट क्लोज कर दिया जाएगा।
एक-एक पैसा सीधा समितियों तक जाएगा
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कहा कि सरकार का एक-एक पैसा सीधा समितियों तक जाएगा। जो समितियां रजिस्टर नहीं हैं, वे 30 जुलाई तक पूरे कागजात के साथ रजिस्टर करा लें। सभी डीएम, एसडीएम को ये बोल दिया गया है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बेहद आसान कर दी गई है।
मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव योजना इसका नाम दिया
मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव योजना इसका नाम दिया है। इसमें डॉक्टर, मेडिकल, सफाई, टेंट लगाने, लाइट की सुविधा दी जाएगी। सभी कांवड़ समितियों को 1200 यूनिट तक फ्री बिजली समितियों मिलेगी। ट्रैफिक, पुलिस प्रशासन से बैठक कर ली गई है, सिविल डिफेंस, होम गार्ड कांवड़ शिविरों में सेवाएं देंगे। कांवड़ यात्रा एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि ये एक सामाजिक उत्सव है, हम दिल्ली के बॉर्डर पर कांवड़ियों का स्वागत करेंगे। हम चाहते हैं कि एक भी कांवड़ियों के पैर में एक भी कंकड़ न लगे।