- वर्ष 2016 में एलएलआरएम कॉलेज में प्रधानमंत्री सुरक्षा स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं की रखी गई थी नींव
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के लचर हालात और अव्यवस्थाएं किसी से छुपी नही हैं। यहां तमाम व्यवस्थाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। दरअसल, वर्ष 2016 में एलएलआरएम कॉलेज में प्रधानमंत्री सुरक्षा स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं की नींव रखी गई थी। यहां स्पेशलिस्ट ब्लॉक का अनावरण किया गया था। जिसे 150 करोड़ की लागत के साथ तैयार किया गया था और सभी आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण बनाया गया था, लेकिन आज के हालात देखकर लगता है कि मानो करोड़ों रुपये की लागत से बना, सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस, सुपर-स्पेशलिटी ब्लॉक खंडहर में तब्दील है।
बता दें कि इस बिल्डिंग में तीन तल है। जिसमें पहले और दूसरे तल पर ही कार्य होता है। वहीं, तीसरे तल पर बंदरों के आतंक के कारण भारी मात्रा में नुकसान किये जाने की वजह से उस तल पर स्थित प्रशासनिक कार्य के लिये बनाए गये डॉक्टर्स के केबिन तालों से सजे हैं। इस तल पर पूरी छत की सीलिंग टूटी पड़ी है और उसमें से रॉड, तार, मलबा आदि निकलकर बाहर आ रहे हैं। साथ ही इस ब्लॉक में सुरक्षा के इंतजाम शून्य है और अनियंत्रित आवाजाही अबाधित जारी है। जिस कारण से भविष्य में कोई भी अनहोनी घटित हो सकती है।
कहते हैं कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के कुछ और होते हैं। यह बात करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गये सुपर स्पेशलिस्ट ब्लॉक की बिल्डिंग पर सटीक बैठती है। लाल बिल्डिंग के नाम से मशहूर सुपर स्पेशलिस्ट ब्लॉक की बिल्डिंग बाहर से जितनी शानदार दिखाई देती है अंदर से उतनी ही खोखली है। आज जहां इस बिल्डिंग का एक तल पूरी तरह से बंद पड़ा है। वहीं, दूसरी ओर छत पर कबूतर मरे हुए पड़े हैं। बता दें कि इस भवन में पहले व दूसरे तल पर न्यूरोलॉजी विभाग, रिकॉर्ड रूम, रेडियोथेरेपी, नेफ्रिलोजी विभाग मौजूद हैं।
इसके साथ ही प्रथम तल पर स्थित आईसीयू में भी बंदरों ने अपना आतंक मचा रखा है तथा यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों की नाक में दम करके रखा हुआ है। यहां पर बंदर तीमारदारों द्वारा लाये गए फल, खाना आदि को उठाकर ले जाते हैं। ज्ञात हो कि कोरोना के समय यह तल कोविड वार्ड बनाया गया था। उस समय भी यहां बंदर कई बार कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैंपल छीनकर भाग गए थे। मीडिया प्रभारी डा. राहुल बताते हैं कि साल 2019 में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज को यह बिल्डिंग अलॉट हुई थी।
तत्पश्चात इस कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया था। उसके उपरांत यहां सुपर स्पेशलिस्ट ब्लॉक बनाया गया। इस बिल्डिंग के लिए कोई भी बजट सैक्शन नहीं होता है। अपितु चिकित्सालय के बजट से ही इसकी मेंटेनेंस कराई जाती है। कई बार शासन से अनुरोध करने पर शासन ने यूपीसीएल नामक कंपनी को इसके लिये अनुबंधित करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने अपना अनुबंध बनाकर शासन को भेज दिया है, शासन द्वारा स्वीकृति मिलते ही मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा।