जनवाणी ब्यूरो |
संभल: आज रविवार को संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। मस्जिद पर हरिहर मंदिर होने का दावा किए जाने के बाद यहां दोबारा सर्वेक्षण के दौरान हंगामा और जमकर पथराव किया गया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
बता दें कि मस्जिद के मंदिर होने के दावे पर कोर्ट के आदेश पर आज मस्जिद का सर्वे होना था जिसको लेकर जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई की अगुवाई में टीम द्वारा वीडियोग्राफी की जा रही थी। मस्जिद में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोग मौजूद थे उसी समय दंगाइयों द्वारा अचानक पथराव शुरू कर दिया गया। दंगाइयों ने अपने चेहरे ढके हुए थे।
पुलिस ने शांति बनाने की अपील की लेकिन जब दंगाई नहीं माने तो पुलिस ने दंगाइयों ने के ऊपर आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागी। जिसके बाद भीड़ को तितर बितर हुई लेकिन कुछ देर बाद पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। माहौल बहुत अधिक गरमाया हुआ है। मौके पर जिलाधिकारी और एसपी बड़े पुलिस बल के साथ लगातार जमे हुए है। 12 लोगों को पुलिस ने अब तक हिरासत में लिया है। दंगाइयों में जगह जगह लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए ताकि उनके चेहरे सीसीटीवी कैमरों में कैद न हो जाए।
सुबह होते ही भड़की भीड़
रविवार सुबह करीब छह बजे संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ एक सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची। इस दौरान कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ। जैसे ही मस्जिद पर सर्वे की जानकारी स्थानीय लोगों को मिली, मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर जमा हो गए।
मुस्लिम समाज के लोगों ने सुबह-सुबह छुट्टी के दिन सर्वे पर आपत्ति जताई। जल्द ही मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और नाराज भीड़ ने पुलिस को रोकने का प्रयास किया। पुलिस के समझाने के बावजूद भीड़ ने हंगामा शुरू कर दिया।
कई पुलिसकर्मी घायल, दागे आंसू गैस के गोले
स्थिति तब और बिगड़ गई जब भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पत्थर लगने से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद मौके पर तैनात पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। स्थिति काबू से बाहर होने पर पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई गई
पथराव और हंगामे के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। प्रशासन ने जामा मस्जिद के चारों ओर बैरिकेडिंग कर इलाके को सील कर दिया है। मौके पर डीएम, एसपी और एडीएम समेत जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं। आसपास के थानों से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।
दो घंटे चला सर्वे, रिपोर्ट 29 नवंबर को पेश होगी
मस्जिद के अंदर सुबह 7:30 बजे से लगभग दो घंटे तक सर्वे चला। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया। सर्वे पूरा होने के बाद टीम वहां से निकल गई। इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होनी है, जिसमें सर्वेक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी।
घटना के बाद मस्जिद के आसपास बड़ी संख्या में लोग जमा हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं और भीड़ को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। यह विवाद 19 नवंबर को शुरू हुआ था, जब मस्जिद पर हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया और सर्वे किया गया। इसके बाद से ही मामला कोर्ट में है और क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। मस्जिद की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पुलिसकर्मियों की निजी गाड़ियों को आग लगाई गई है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि दंगाइयों पर एनएसए की कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस का खुफिया तंत्र फेल
जनपद संभल में सर्वे को लेकर जिलाधिकारी ने धारा 163 लागू की हुई है। पांच व्यक्ति से ज्यादा व्यक्ति एक साथ एकत्र नहीं हो सकते लेकिन इतनी बड़ी संख्या में भीड़ ने मौके पर पहुंच कर पथराव किया और खुफिया तंत्र को इसकी जानकारी तक नहीं हुई। इतनी अधिक संख्या में भीड़ ने पूर्व नियोजित प्लान के तहत पुलिस पर पथराव किया और खुफिया तंत्र को इस बात का पता तक नहीं लगा जिसको देखकर साफ है कि पुलिस की खुफिया एजेंसियां यहां फैल नगर आईं। पथराव करने वालों के पास हथियार होने की बात भी सामने आ रही है।
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