Friday, April 25, 2025
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Raj Kapoor: दिवंगत अभिनेता राज कपूर की 100वीं जयंती आज, एक बार​​ फिर सिनेमाघरों में देखने को मिलेंगी ‘शोमैन’ की ये शानदार फिल्में, यहां पढ़ें..

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बॉलीवुड जगत में आज 14 दिसंबर को दिवंगत अभिनेता और निर्देशक राज कपूर की 100वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर कपूर ​परिवार ने कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि, इस खास मौके को देखते हुए बॉलीवुड के शोमैन की कईं शानदार फिल्में इस सप्ताह आर.के. फिल्म फेस्टिवल में फिर से देखने को मिलने वाली हैं।

4 शहरों के 101 सिनेमाघरों में आयोजित

दरअसल, एक बार फिर राज कपूर की कईं फिल्में स्क्रीन पर देखने को मिलेंगी। पीवीआर और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन इस साल उनकी 100वीं जयंती मनाने के लिए उनकी कल्ट क्लासिक फिल्मों को फिर से रिलीज कर रहे हैं। 13 से 15 दिसंबर तक 34 शहरों के 101 सिनेमाघरों में आयोजित होने वाला यह फेस्टिवल राज कपूर की सिनेमा को समर्पित अब तक का सबसे शानदार रेट्रोस्पेक्टिव होगा। यहां राज कपूर की वो 7 फिल्में हैं, जिन्हें आप इस हफ्ते बड़े पर्दे पर देख सकते हैं। तो आईए जानते हैं उन फिल्मों के बारे में…

आग (1948)

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यह दिग्गज अभिनेता राज कपूर के निर्देशन मे बनी पहली फिल्म थी। इतना ही नहीं यह उनके नए बैनर, आर.के. फिल्म्स के तहत बनी पहली मूवी थी। सबसे खास बात ये थी कि इसने राज कपूर और नरगिस को हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन ऑनस्क्रीन जोड़ियों में से एक के रूप में पेश किया था। इस फिल्म में राज कपूर के छोटे भाई शशि कपूर भी थे, जिन्होंने अपने भाई के यंग एज का किरदार निभाया था।

बरसात (1949)

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राज कपूर ने इस ब्लॉकबस्टर के साथ निर्देशक के रूप में अपनी पहली हिट फिल्म बनाई जो उस समय कि की सबसे बड़ी हिट फिल्म बन गई थी। ‘बरसात’ नरगिस की सुपरहिट फिल्म रहीं। इसके बाद राज कपूर ने मुंबई के चेंबूर में प्रसिद्ध आर.के. स्टूडियो को शुरू कर दिया।

आवारा (1951)

14 11

2012 की 100 सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक ‘आवारा’ थी। क्राइम ड्रामा के हिट होते ही राज कपूर हिंदी सिनेमा में छा गए। ख्वाजा अहमद अब्बास द्वारा लिखित, ‘आवारा’ में नरगिस ने लीड रोल और राज कपूर के पिता और दिग्गज अभिनेता पृथ्वीराज कपूर सपोर्टिंग रोल में नजर आए थे।

जागते रहो (1956)

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के ए अब्बास द्वारा लिखित, सोमभु मित्रा और अमित मित्रा द्वारा निर्देशित ये फिल्म हिंदी और बंगाली दोनों में बनी है। ये फिल्म एक हलचल भरे शहर में गांव के एक आदमी के संघर्ष पर आधारित है। ‘जागते रहो’ में राज कपूर लीड में थे। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कारों में सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट से सम्मानित किया गया।

संगम (1964)

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राज कपूर ने इस म्यूजिकल रोमांटिक के साथ निर्देशन में वापसी की। फिल्में राज, राजेंद्र कुमार और वैजयंतीमाला के बीच लव ट्राएंगल देखने को मिला था। ये इंदर राज आनंद द्वारा लिखित पहली भारतीय फिल्म थी, जिसे लंदन, पेरिस और स्विट्जरलैंड में शूट किया गया था। लगभग 4 घंटे की यह फिल्म उस समय की सबसे लंबी रनटाइम वाली फिल्म थी। यह ‘मुगल-ए-आजम’ के बाद उस दशक की दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म भी बन गई। संगम राज कपूर की पहली कलरफुल फिल्म भी थी।

जिस देश में गंगा बहती है (1960)

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राज कपूर द्वारा निर्मित यह फिल्म राधू करमाकर की निर्देशन की पहली फिल्म थी, जिन्होंने सिनेमैटोग्राफर के रूप में अभिनेता-फिल्म निर्माता के साथ कई बार काम किया था। इसमें राज कपूर के साथ पद्मिनी थीं जो मशहूर एक्ट्रेस होने के साथ-साथ एक भरतनाट्यम डांसर भी रहीं। इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कारों में हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट मिला था।

बॉबी (1975)

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1970 में निर्देशित ‘मेरा नाम जोकर’ के बाद राज कपूर ने कुछ नए कलाकारों के साथ एक लव स्टोरी पर बेस्ड फिल्म को निर्देशित किया। इसलिए उन्होंने बॉबी के साथ अपने बेटे ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया को लॉन्च किया जो सुपरहिट हुई और बॉक्स ऑफिस पर इसने बेहतरीन कमाई की थी।

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