- जनपद में भाजपा के जिलाध्यक्ष का नाम होल्ड पर होने के बाद नेताओं ने शुरू की भागदौड़
- लखनऊ व दिल्ली में भाजपाइयों की शुरू हुई दौड़, सिफारिशों में जुटे भाजपा नेता
जनवाणी संवाददाता |
बागपत: भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए अभी जनपद को इंतजार करना होगा। यहां नए जिलाध्यक्ष की घोषणा होल्ड पर होने के बाद भाजपाइयो ने लखनऊ व दिल्ली की दौड़ लगा दी है। जनप्रतिनिधियों ने जहां हाईकमान से संपर्क शुरू कर दिया है वहीं दावेदारों की भागदौड़ लखनऊ व दिल्ली के अलावा जनप्रतिनिधियों के दरबार में देखी जा रही है। रविवार को जिला होल्ड पर होने के बाद से ही भाजपा नेताओं ने अपनी भागदौड़ और सिफारिशों का दौर शुरू कर दिया था। दावेदारों ने अपनी फिल्डिंग बिछानी फिर से शुरू कर दी है। देखना यह है कि बागपत जिलाध्यक्ष की दौड़ में कौन बाजी मारता है?
भाजपा की ओर से प्रदेश में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा को लेकर चुनावी प्रक्रिया की गई थी। जिसमें बागपत जनपद से 59 भाजपा नेताओं ने दावेदारी जताते हुए नामांकन किए थे। उसके बाद खबर आई थी कि जो पूर्व में जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, उन्हें अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन पूर्व जिलाध्यक्षों ने भी दोबारा से कमान संभालने के लिए एडी-चोटी तक के जोर लगा दिए थे। एक नेता जो पूर्व में जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और चुनाव भी लड़ा है, उनका नाम लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन अचानक बागपत का नाम होल्ड पर चले जाने से जोर का झटका लगा है।
जिस नेता का नाम तय माना जा रहा था उसे तो जोर का झटका लगने के साथ ही सभी तैयारियां धरी की धरी रह गई वहीं दूसरे दावेदारों को भी झटका लगा है। हालांकि कई दावेदारों ने अंदर ही अंदर खुशी भी मनाई है। क्योंकि वह दौड़ में पीछे हो गए थे और अब आगे होने की उम्मीद उन्होंने फिर से जगा दी है। वह दौड़ में आगे होने के लिए फिर से भागदौड़ में लग गए हैं। जिलाध्यक्ष पद को लेकर रविवार को जैसे ही सूचना पहुंची की जनपद होल्ड पर है, उसके बाद से ही नेताओं ने अपनी-अपनी फिल्डिंग दोबारा बिछानी शुरू कर दी है।
दावेदारों ने लखनऊ और दिल्ली की दौड़ लगा दी थी। वह हाईकमान के दरबार में पहुंच गए थे और हाजिरी लगाकर अपनी सिफारिशों का दौर शुरू कर दिया है। कई नेताओं ने तो वहीं डेरा जमा रखा है। सोमवार को नेताओं की गाड़ियां लखनऊ व दिल्ली की ओर दौड़ती नजर आई। यही नहीं जनप्रतिनिधियों ने भी बागपत का नाम होल्ड पर चले जाने के बाद हाईकमान से संपर्क कर जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
जानकारी की जा रही है कि यहां नाम होल्ड पर क्यों किया गया? हालांकि इसमें जनप्रतिनिधियों की सहमति नहीं होने के कारण ही नाम होल्ड पर हुआ है। अगर सहमति बन जाती तो रविवार को बागपत का नया जिलाध्यक्ष घोषित किया जाता। अब देखना यह है कि जिलाध्यक्ष की दौड़ में कौन बाजी मारता है? किसके सिर यहां जिलाध्यक्ष का ताज सजेगा?
किस जाति से बनेगा, अब हो गया संशय
जिलाध्यक्ष पद को लेकर यहां संशय बरकरार है। आवेदन से लेकर अभी तक यह तय नहीं है कि किस जाति से यहां जिलाध्यक्ष बनेगा? क्योंकि भाजपा जातिगत समीकरण साधकर ही यहां जिलाध्यक्ष घोषित कर सकती है। यहां रालोद और भाजपा का गठबंधन है। रालोद का जिलाध्यक्ष गुर्जर है। देखा जाए तो बसपा ने भी यहां गुर्जर पर दांव खेल रखा है। सपा का जिलाध्यक्ष यादव है। देखना यह है कि भाजपा का जिलाध्यक्ष किस जाति से होगा? भाजपा जाट, ब्राह्मण, गुर्जर, वैश्य आदि में से किसे यहां की जिम्मेदारी देती है?