Monday, April 7, 2025
- Advertisement -

Bombay Highcourt: जानिए,इलाज के लिए मिले मुआवजे से अब क्यों नहीं कटेगी मेडिक्लेम राशि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे लेकर क्या कहा?

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: आज सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी व्यक्ति को व्यक्ति को मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत मिलने वाली राशि को मोटर वाहन अधिनियम के तहत चिकित्सा व्यय के मुआवजे से काटा नहीं जा सकता। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को दुर्घटना में चोटें आती हैं और उसका इलाज मेडिक्लेम पॉलिसी के माध्यम से होता है, तो उसे मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा के भुगतान में कमी नहीं की जाएगी। यह निर्णय बीमाधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है।

यह फैसला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बीमाधारकों के हितों की रक्षा करता है और उन्हें दो अलग-अलग स्रोतों से मिल रहे मुआवजे में कोई कटौती करने से रोकता है। इस तरह के फैसले बीमाधारकों के लिए विश्वास पैदा करते हैं, क्योंकि उन्हें यह सुनिश्चित करने का भरोसा होता है कि उन्हें पूरी मुआवजा राशि मिलेगी, चाहे उनकी बीमा पॉलिसी हो या दुर्घटना मुआवजा।

क्या बोले न्यायमूर्ति?

बता दें कि,न्यायमूर्ति एएस चांदुरकर, न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की पूर्ण पीठ ने 28 मार्च को अपने फैसले में कहा कि मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत राशि दावेदार की ओर से बीमा कंपनी के साथ किए गए अनुबंध के आधार भुगतान होना चाहिए। पीठ ने कहा, “हमारे विचार में, मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत दावेदार की ओर से प्राप्त किसी भी राशि की कटौती स्वीकार्य नहीं होगी।”

विभिन्न एकल व खंडपीठों की ओर से इस पर अलग-अलग विचार रखे जाने के बाद इस मुद्दे को पूर्ण पीठ को सौंप दिया गया था। पूर्ण पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण को न केवल उचित मुआवजा देने का अधिकार है, बल्कि यह उसका कर्तव्य भी है।

इसमें कहा गया है कि बीमा के कारण प्राप्त राशि, बीमाधारक द्वारा कंपनी के साथ किए गए संविदात्मक दायित्वों के कारण है। अदालत ने कहा कि प्रीमियम का भुगतान करने के बाद यह स्पष्ट है कि लाभार्थी राशि या तो पॉलिसी की परिपक्वता पर या मृत्यु पर, चाहे मृत्यु का तरीका कुछ भी हो, दावेदार के हिस्से में आएगी।

अदालत ने कहा, “आरोपी मृतक की दूरदर्शिता और बुद्धिमानी से किए गए वित्तीय निवेश का लाभ नहीं उठा सकता। यह कानून की स्थापित स्थिति है।” पूर्ण पीठ मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के उस निर्णय के विरुद्ध न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें चिकित्सा व्यय के अतिरिक्त मौद्रिक मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। बीमा कंपनी ने दावा किया कि मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत प्राप्त बीमा राशि के अंतर्गत चिकित्सा व्यय भी कवर किया गया था।

बीमाकर्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ

न्यायालय की सहायता के लिए न्यायमित्र नियुक्त किए गए अधिवक्ता गौतम अंखड ने तर्क दिया कि चिकित्सा व्यय से संबंधित मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान को दावेदार/पीड़ित के पक्ष में समझा जाना चाहिए, क्योंकि यह एक कल्याणकारी कानून है। उन्होंने आगे कहा कि बीमाकर्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ है क्योंकि उसे बीमाधारक से प्रीमियम प्राप्त हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि यदि चिकित्सा व्यय में कटौती की अनुमति दी जाती है, तो इससे बीमाकर्ता को अनुचित लाभ मिलेगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here