Tuesday, May 6, 2025
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Robert Vadra: एक बार फिर ईडी के सामने पेश हुए रॉबर्ट वाड्रा, लैंड स्कैम से जुड़ा है मामला, जाने पूरा खबर 

नमस्कार दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज मंगलवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। बताया जा रहा है कि वह हरियाणा के बहुचर्चित लैंड स्कैम (land scam) और उससे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के लिए ईडी के सामने पेश हुए हैं।

इससे पहले 8 अप्रैल को भी वाड्रा को समन भेजा गया था, लेकिन तब वह ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे। आज पूछताछ से पहले वाड्रा ने मीडिया से बातचीत की।

क्या बोले रॉबर्ट वाड्रा ?

मीड‍िया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा क‍ि जब भी मैं जनता की आवाज उठाता हूं, तब ये लोग मुझे दबाने की कोशिश करते हैं। एजेंसियों का दुरुपयोग होता है। लेकिन मैं हमेशा सवालों के जवाब देता आया हूं और आगे भी देता रहूंगा। यह मामला साल 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में की गई जमीन खरीद और बाद में हुए सौदे से जुड़ा है। आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने इस लेन-देन में वित्तीय अनियमितताएं कीं।

चालिए जानते है इस मामले से जुड़ी कुछ अहम बातें 

  • फरवरी 2008 में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने शिकोहपुर में करीब 3.5 एकड़ ज़मीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी।
  • कुछ समय बाद हरियाणा नगर नियोजन विभाग की ओर से उस जमीन पर कॉलोनी बसाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ।
  • इसके बाद वाड्रा की कंपनी ने DLF के साथ समझौता किया और वही जमीन करीब 58 करोड़ रुपये में DLF को बेच दी।

किन धाराओं में दर्ज है केस?

आरोप है कि इस सौदे के बदले में, हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने DLF को गुरुग्राम के वजीराबाद में 350 एकड़ ज़मीन अलॉट कर दी।

इस घोटाले को लेकर IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120B (षड्यंत्र), 467, 468, 471 (जालसाजी से संबंधित धाराएं) के तहत केस दर्ज किया गया है। बाद में धारा 423 के तहत भी नए आरोप जोड़े गए।

ईडी इस पूरे लेन-देन को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मानते हुए जांच कर रही है।

यह है जांच की वर्तमान स्थिति

  • रॉबर्ट वाड्रा के अलावा इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया है।
  • शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस सौदे में सरकारी तंत्र और निजी कंपनियों की मिलीभगत से बड़ी आर्थिक हेराफेरी की गई।
  • ईडी इस सौदे में बेनामी ट्रांजैक्शन, सरकारी मंजूरियों का दुरुपयोग और आर्थिक लाभ उठाने की संभावनाओं को लेकर जांच कर रही है।
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