Wednesday, July 16, 2025
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Valmiki Thapar Passed away: देश के प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षणवादी वाल्मीकि थापर का निधन, बाघ संरक्षण को समर्पित रही पूरी जिंदगी

जनवाणी ब्यूरो 

नई दिल्ली: भारत के मशहूर वन्यजीव संरक्षणवादी, लेखक और बाघों के प्रबल संरक्षक वाल्मीकि थापर का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने शनिवार सुबह अपने दिल्ली स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थे। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 3:30 बजे दिल्ली के लोधी श्मशान घाट पर किया जाएगा।

बाघों के लिए समर्पित जीवन

वाल्मीकि थापर ने अपनी पूरी जिंदगी भारत के जंगली बाघों के संरक्षण के लिए समर्पित की। वे रणथंभौर नेशनल पार्क (राजस्थान) में अपने कार्यों के लिए विशेष रूप से पहचाने जाते थे, जहां उन्होंने दशकों तक बाघों की निगरानी, संरक्षण और उनके व्यवहार पर अध्ययन किया।

उनका काम सिर्फ संरक्षण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने कई किताबें, डॉक्यूमेंट्री फिल्में और शोध लेख भी लिखे, जिनके माध्यम से उन्होंने लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।

लेखक और विचारक के रूप में पहचान

वाल्मीकि थापर न केवल एक संरक्षणवादी थे, बल्कि वे एक जाने-माने लेखक और प्रकृति प्रेमी भी थे। उन्होंने भारत में बाघों की स्थिति पर गहन अध्ययन किया और सरकार को कई बार नीतिगत सुझाव भी दिए। उनके विचार भारत की वन्यजीव नीतियों के लिए प्रेरणा बने।

प्रकृति प्रेमियों में शोक

उनके निधन से पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में गहरा शोक है। कई नामी संरक्षणवादियों, संगठनों और बाघ प्रेमियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जा रहा है, जिन्होंने अपने जीवन की हर सांस प्रकृति और बाघों के लिए जिया।

प्रमुख पुस्तकें

“Land of the Tiger”
– यह उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक है, जो भारत के बाघों और उनके आवास पर आधारित है। इस पर एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ भी बनी थी जो BBC और Discovery Channel पर प्रसारित हुई।

“Tiger: The Ultimate Guide”
– बाघों की जीवनशैली, व्यवहार और संरक्षण पर विस्तृत जानकारी देती है।

“The Secret Life of Tigers”
– रणथंभौर के बाघों पर आधारित, जिसमें उन्होंने बाघों के व्यवहार का व्यक्तिगत अनुभव साझा किया।

“Tiger Fire: 500 Years of the Tiger in India”
– यह किताब भारत में बाघों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है।

“Exotic Aliens: The Lion and the Cheetah in India”
– भारत में शेर और चीता की ऐतिहासिक उपस्थिति पर केंद्रित शोध आधारित किताब।

डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में और टीवी प्रोजेक्ट्स:

  • “Land of the Tiger” (BBC series) – 6 भागों की यह डॉक्यूमेंट्री भारत की जैव विविधता, विशेषकर बाघों पर केंद्रित थी। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
  • “The Secret Life of Tigers” – रणथंभौर के बाघों पर आधारित उनकी खुद की डॉक्यूमेंट्री।

प्रमुख योगदान और पहलें:

  • रणथंभौर नेशनल पार्क में दशकों तक बाघों पर अध्ययन किया।
  • भारत सरकार को कई बाघ संरक्षण योजनाओं में सलाह दी, जैसे:
  • Project Tiger के तहत मॉनिटरिंग
  • बाघों की निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप और पहचान प्रणाली विकसित करने में मदद
  • वन विभाग के अधिकारियों और रेंजर्स को प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान की।

सम्मान और मान्यता?

  • उन्हें भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया।
  • भारतीय वन्यजीव संरक्षण की दुनिया में उन्हें “टाइगर मैन ऑफ इंडिया” के रूप में भी जाना जाता है

विरासत (Legacy)?

वाल्मीकि थापर का कार्य आज भी वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरणीय शिक्षा और नीति निर्माण में मार्गदर्शन का स्त्रोत बना हुआ है। उनका जाना न केवल एक व्यक्तिगत क्षति, बल्कि भारत के वन्यजीव जगत के लिए एक युग का अंत माना जा रहा है।

 

 

 

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