Sunday, May 11, 2025
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एनसीईआरटी घोटाले के आरोपियों से जेल में पूछताछ

  • पांच साल से चल रहा था गोरखधंधा, आर्डर लेकर छपती थी किताबें

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: 60 करोड़ के एनसीईआरटी की नकली किताबों के घोटाले में जेल में बंद चार आरोपियों से परतापुर पुलिस ने पूछताछ की। आरोपियों ने बताया कि पांच साल से नकली किताबों का धंधा चल रहा था। इस मामले में संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता एडवांस में आर्डर लेकर किताबें छपवाते थे।

परतापुर थाने के इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि सर छोटू राम इंजीनियरिंग कालेज की अस्थाई जेल में बंद चारों कर्मचारियों शिवम, राहुल, आकाश और सुनील कुमार ने बताया कि पिछले पांच सालों से एनसीईआरटी की अवैध किताबे बड़े पैमाने पर छपाई होने लगी थी।

हाल में तो दुकानदारों की खरीदारी के लिए एडवांस में ही आर्डर मिल जाते थे। संजीव और सचिन गुप्ता की प्रिंटिंग प्रेस दुकानदारों के आर्डर को पूरा नहीं कर पाती थी। ऐसे में मेरठ और अन्य जनपदों की कई प्रिंटिंग प्रेस में भी किताबों की छपाई कर सीधे बेची जाती थी।

पेपर और स्याही के बारे में भी कर्मचारियों ने पुलिस को जानकारी दी है। बताया गया कि वाटर मार्क लगा हुआ पेपर ही छपाई के लिए आता था, जो पेपर मिल में संजीव और सचिन खुद तैयार कराते थे।

गौरतलब है कि 21 अगस्त को एसटीएफ और परतापुर पुलिस ने संयुक्त रूप से परतापुर और गजरौला में गोदामों पर छापा मारकर सोलह लाख किताबें पकड़ी गई थी।

भाजपा नेता संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता, कर्मचारी विकास त्यागी और नफीस खान फरार चल रहे हैं। शनिवार को पुलिस की एक टीम कोर्ट के आदेश पर सर छोटूराम इंजिनीयरिंग कॉलेज अस्थाई जेल में गई, जहां पर शिवम, राहुल, आकाश और सुनील से पूछताछ की गई। इन लोगों ने कई और कर्मचारियों के नामा भी बताए हैं।

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