जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मकबरा घोसियान से जब्त की गयी भैंसों में एक की मौत के बाद नगर निगम के अफसर सरेंडर की मुद्रा में आ गए हैं। डेयरी संचालकों द्वारा कमिश्नर व एसएसपी के यहां पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर की तहरीर के बाद घोसियान के डेयरी संचालकों को बार-बार वार्ता का न्योता भेजा जा रहा है।
गुरुवार को डेयरी संचालकों से कान्हा उपवन से अपने भैंसे ले जाने को भी कहा गया, लेकिन डेयरी संचालकों ने ऐसा नहीं किया।
इस मामले को हाईकोर्ट में 14 सितंबर को होने वाली सुनवाई की तैयारी करा रहे आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने जानकारी दी कि शुक्रवार को नगरायुक्त के स्टैनो ने डेयरी संचालकों को नगरायुक्त की ओर से वार्ता का न्योता दिया, लेकिन जब डेयरी संचालकों ने बातचीत से मनाकर दिया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी धमकी दी गयी।
डेयरी संचालकों ने बताया कि 25 अगस्त को पशु जब्त करने के दौरान सरकारी काम में बाधा डालने के नाम पर स्टेनो ने एफआईआर कराने की बात कही। जब उनसे कहा गया कि उस घटना को 10 दिन से ज्यादा हो गए हैं, क्या उनकी तहरीर को स्वीकार किया जाएगा, इस पर स्टैनो ने कॉल को कट कर दिया।
डेयरी संचालकों का कहना है कि निगम अफसरों से कोई बात नहीं की जाएगी। मामला हाईकोर्ट में है। जोकि निर्णय कोर्ट करेगा उसको मानेंगे। उनका यह भी कहना है कि कैटल कालोनी पर कोई अफसर बात नहीं कर रहा है। सभी डेयरी संचालक यहां से जाने को तैयार हैं, लेकिन कैटल कालोनी तो बना कर दें।