जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: किसान आंदोलन की आगे की रणनीति तय करने के लिए शनिवार को कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के 32 संगठनों की बैठक हुई। अब रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसके बाद आंदोलन की आगे की रणनीति का एलान होगा। इधर, दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना लगातार जारी है।
कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर किसान अब अगली रणनीति बनाने में जुटे हैं। शनिवार को कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के 32 संगठनों की बैठक हुई। जिसमें विचार किया गया कि अब किस तरह से आंदोलन को चलाया जाए जिससे सरकार पर दबाव बनाकर बातचीत का रास्ता खुल सके।
जींद के खटकड़ व बद्दोवाल टोल प्लाजा पर किसानों का धरना जारी है। वहीं रेवाड़ी के खेड़ा बॉर्डर पर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए अलवर से किसानों का जत्था पहुंचा। इधर, पंजाब से ट्रेन से सैकड़ों किसान बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पहुंचे।
अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी सुखबीर सारवान (सुखी) ने शनिवार को टीकरी बॉर्डर पहुंचकर किसान आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार से किसानों के हित में तीनों कृषि कानून वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के लिए कानून बनाने की मांग की।
अंबाला में किसान आंदोलन को धार देने के लिए शनिवार को भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी गुरुद्वारा पंजोखरा साहिब पहुंचे। यहां उन्होंने शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद चढूनी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि सरकार सोच रही है कि आगे फसल का समय है।
शायद किसान चले जाएंगे। सरकार की यह सोच ठीक भी है, लेकिन ऐसा नहीं होगा। इसके लिए भी हम रणनीति बना रहे हैं। जो धरने पर होंगे या जिनके ट्रैक्टर मौके पर हैं उनके काम पिछले गांव वाले सभी मिलकर संभालेंगे।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब तक पटरी पर है, लेकिन आभास हो रहा है कि आंदोलन अब लंबा चलाना पड़ेगा। लंबा आंदोलन चलाने के लिए लोगों को इस तरह से तैयार कर रहे हैं कि हर गांव से एक सिस्टम बना लें।
यह तय कर लें कि हमारे इतने आदमी स्थायी तौर पर आंदोलन में रहेंगे। उनमें से कुछ रहेंगे और अगले चले जाएंगे फिर दूसरे आ जाएंगे। इस तरह हर गांव की हाजिरी सुनिश्चित होगी और जोश भी बना रहेगा। हफ्ते के अनुसार या चार दिन के अनुसार वह वहां रहेंगे।
शनिवार को धरना स्थलों पर फसल कटाई के साथ-साथ आंदोलन जारी रखने की रूपरेखा तैयार की गई। जीटी रोड स्थित बसताड़ा टोल प्लाजा और जींद रोड स्थित प्यौंत टोल प्लाजा पर शनिवार को किसानों के धरने जारी रहे। बसताड़ा टोल पर किसान भूख हड़ताल पर बैठे।
आंदोलनकारियों ने गेहूं कटाई के सीजन के दौरान आंदोलन को जारी रखने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया। गांव-गांव कमेटियां बनाने का बातचीत चल रही है। किसानों का कहना है कि वह आंदोलन को कमजोर नहीं पड़ने देंगे। वहीं, असंध कस्बे में युवाओं का शाम को एक घंटा मौन धारण जारी रहा।