जनवाणी ब्यूरो |
बड़ौत: भारतीय जनता पार्टी जनपद बागपत के वरिष्ठ नेता व सदस्य, ग्रामीण विकास पंचायत राज मंत्रालय उत्तर प्रदेश ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पुरजोर समर्थन करते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित करते हुए सही कहा है कि नई शिक्षा नीति केवल सरकार की नीति नहीं है यह देश की शिक्षा नीति है जो जन भावनाओं के अनुरूप है और इससे देश की आकांक्षाओं की पूर्ति हो रही है।
डॉ. नीरज कौशिक ने अपने बयान को जारी करते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति देश के विकास की पूंजी है। यह बिल्कुल सही कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा नीति जब भी तैयार होती है तो उसको तैयार करने के लिए जनता के सुझाव मांगे जाते हैं और लाखों लोगों के सुझाव आते भी हैं।
उन सारे सुझाव का संकलन और विश्लेषण करके शिक्षाविदों की समिति शिक्षा नीति को तैयार करती है जिसको सरकार घोषित करती है और लागू करती है इसलिए यह सरकार की नीति तो नहीं है यह तो जनता की नीति है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो शिक्षा नीति का जाने समझे विरोध करते हैं लगता है उनका शिक्षा से कोई मतलब ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इन लोगों मैं किसी ने कभी शिक्षा नीति पर अपना सुझाव भी नहीं दिया होगा। उन लोगों को एक राष्ट्र एक शिक्षा नीति के महत्व को समझना होगा।
डॉ. नीरज कौशिक कहा कि बदलते समय के साथ एक नई विश्व व्यवस्था खड़ी हो गई है। एक नया ग्लोबल स्टैंडर्ड भी तय हो रहा है। बदलते ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से भारत के एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करने भी बहुत जरूरी है।
हमें अपने स्टूडेंट्स को ग्लोबल सिटीजन बनाना है। हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि वह ग्लोबल स्टूडेंट्स बनने के साथ-साथ अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें। नयी शिक्षा नीति में ऐसा प्रावधान किया गया है कि छात्रों को ग्लोबल सिटीजन बनाने के साथ साथ उनको अपने जड़ों से भी जोड़कर रख जाएगा।
डॉ. नीरज कौशिक ने बताया कि हर देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपने राष्ट्रीय मूल्यों के साथ जोड़ते हुए अपने राष्ट्रीय ध्येय के अनुसार सुधार करते हुए चलता है।
मकसद ये होता है कि देश की शिक्षा प्रणाली अपनी वर्तमान औऱ आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तैयार रखे और तैयार करे। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार भी यही सोच है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत का और नए भारत की नींव तैयार करने वाली है।