- बिना कोच ही दीक्षा लेने को मजबूर खिलाड़ी
- तीरंदाजी को वर्ष 2015 से नहीं मिला है स्थाई कोच
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अनलॉक प्रक्रिया के तहत खेलों को भी धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में फिलहाल तीन खेलों को चलाया जा रहा है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि तीनों खेलों में किसी के लिए भी कोच की व्यवस्था नहीं है।
दरअसल, स्टेडियम में अस्थाई प्रशिक्षकों का अनुबंध समाप्त हो चुका है। जोकि अभी तक दोबारा नवीकरण नहीं किया गया है। ऐसे में प्रशिक्षकों ने भी स्टेडियम में आना बंद कर दिया है। जिस वजह से खिलाड़ियों को खुद से ही अभ्यास करना पड़ रहा है।
कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में लॉकडाउन के बाद से ही तीन खेलों को शुरु करने की अनुमति मिली थी। जिसमें शूटिंग, तीरंदाजी और एथलेटिक्स के खेल शुरु किए गए हैं, लेकिन खिलाड़ियों को अभी भी सही तरीके से प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। जिसका कारण हैं प्रशिक्षकों का टोटा होना।
दरअसल, कैलाश प्रकाश स्टेडियम में अस्थाई प्रशिक्षकों का अनुबंध मार्च माह में ही समाप्त हो गया था। जिसके बाद से प्रशिक्षकों की सैलरी भी रुक गई। ऐसे में संक्रमण के बाद खेल सुचारु होने के बाद खिलाड़ी तो स्टेडियम में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन प्रशिक्षक नहीं।
बिना प्रशिक्षकों के ही खिलाड़ियों को अभ्यास करना पड़ रहा है। अप्रैल के महीने में नए सत्र से प्रशिक्षकों के अनुबंध का नवीकरण होना था। जिसके बाद ही कोचों की नियुक्ति की जानी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी प्रक्रियाएं रोक दी गर्इं। इसके बाद से अभी तक प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
ऐसे में सभी खिलाड़ियों को खुद से ही अभ्यास करना पड़ रहा है। इस मुसीबत में सीनियर खिलाड़ी ही जूनियरों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। शूटिंग और आर्चरी में कोई प्रशिक्षक इन दिनों नहीं है। वहीं, एथलेटिक्स में कोच गौरव त्यागी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
आर्चरी को पिछले कई सालों से नहीं मिला स्थाई कोच
कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स में आर्चरी को पिछले की वर्षों से एक स्थाई कोच तक नहीं दिया गया है। ऐसे में तीरंदाज खुद ही एकलव्य बनकर अभ्यास करने को मजबूर हैं।
वर्ष 2015 कोच अनुपमा का स्थानांतरण होने के बाद अब तक कोई स्थाई नियुक्ति स्टेडियम में कोच की नहीं हो पाई है। इसके बाद से कुछ अस्थाई प्रशिक्षकों की नियुक्ति हुई, लेकिन वर्तमान में कोई कोच तीरंदाजी के लिए नहीं है।
सीनियर खिलाड़ी खुद ही प्रशिक्षण देते हैं। तीरंदाज दानिश चौहान ने बताया कि इस संबंध में पहले भी खिलाड़ियों ने मिलकर प्रार्थन पत्र सौंपा है, लेकिन कोच की नियुक्ति नहीं की गई।
ऐसे में खुद वह खुद ही साथियों से अभ्यास करते हैं। वहीं, सीनियर खिलाड़ी अमित सरायवाल भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते हैं। लॉकडाउन के चलते प्रशिक्षकों का अनुबंध नहीं हो पाया है। वहीं, अभी सभी खेल शुरू नहीं किए गए हैं। जल्द ही शासन स्तर से प्रशिक्षकों की नियुक्ति किए जाने की उम्मीद है।
-आले हैदर, क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी