जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जल की महत्ता की दृष्टि सेअन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व जल दिवस मनाया जाता है और जल के संरक्षण, संवर्द्धन, संचय एवं शुद्धता के लिए लोगों को जागरूककर संकल्प दिलाया जाता है लेकिन भारतीय संस्कृति में सदियों से जल ही जीवन है,जल ही अमृत है माना जाता है। यहां पर जल की पवित्रता इतनी है कि इसेपंचभूतों में से एक कहा गया है।
भगवान का अभिषेक एवं संकल्प भी प्रतिदिन लोग जल सेही करते हैं। जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए वातावरण को स्वच्छ बनाना बहुतआवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस समय त्योहारों का समय है। पूजा एवं धार्मिक स्थलों मेंसाफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। सभी निकायों में भी साफ-सफाई के लिए स्वच्छ नवरात्रिका अभियान चलाया जाय। इसके पहले भी त्योहारों को स्वच्छता के साथ मनाया गया है।
नगर विकास मंत्री बुधवार को नगरीय निकाय निदेशालय में विश्व जलदिवस के अवसर पर सतत और समावेशी स्वच्छता और सबके लिए जल विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथिबोल रहे थे। उन्होंने नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करकेकार्यक्रम की शुरूआत की और सभी को नववर्ष एवं नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं दी। शर्मा ने साफ-सफाई पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इसमें आमजन की सहभागिताजरूरी है।
हम सभी को अपने आसपास साफ-सफाई, सुन्दरीकरण एवं जलसंरक्षण व शुद्धता पर निरन्तर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगरोंको वैश्विक नगर बनाये जाने का अभियान चल रहा है। इस अवसर पर नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू भी उपस्थित थे। कार्यशालामें मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि जल संरक्षण जीवन के लिए बहुतआवश्यक है। स्वस्थ शरीर के लिए शुद्ध जल भी उतना ही जरूरी है जितना कि भोजन।प्रधानमंत्री ने 15अगस्त 2014 को स्वच्छभारत का संकल्प लिया था।
इसकी सफलता को देखते हुए अक्टूबर 2021में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत की गई।उन्होंने शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए सीवरेज सिस्टम को सुदृढ़ बनाने के साथ-साथप्रयुक्त जल को ट्रीटमेंट करते हुए शुद्ध जल में परिवर्तित करने पर जोर दिया। कार्यशाला को प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, निदेशक नगरीय निकाय नेहाशर्मा ने भी सम्बोधित किया।