Monday, July 8, 2024
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राजेंद्र मायूस, ‘राम’ पर भरोसा

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  • अभिनेता अरुण गोविल मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से घोषित हुए भाजपा के प्रत्याशी

  • सांसद के रूप में हैट्रिक लगा चुके राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कटा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लोकप्रिय टीवी सीरियल रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को भाजपा ने मेरठ-हापुड़ लोकसभा से प्रत्याशी घोषित किया हैं। प्राचीन किवदन्ती के अनुसार मेरठ रावण की ससुराल रही है। मंदोदरी मेरठ की रहने वाली थी। ऐसा बताया जाता हैं। एक तरह से मेरठ रावण की सुसराल हुई, जिसमें राम की एंट्री हो गई हैं।

तीन बार के सांसद रहे राजेंद्र अग्रवाल का टिकट भाजपा शीर्ष नेताओं ने काट दिया है। कई और भी दिग्गज टिकट मांग रहे थे, जिनको शीर्ष नेताओं ने निराश कर दिया। राम की एंट्री से मेरठ का चुनाव बेहद रोचक हो गया हैं। अरुण गोविल मूलरूप से मेरठ के ही रहने वाले हैं। जब मेरठ नगर पालिका हुआ करती थी, तब अरुण गोविल के पिता चंद्रप्रकाश गोविल पालिका में जलकल अभियंता के पद पर तैनात रहे हैं।

भाजपा शीर्ष नेताओं ने अरुण गोविल को मेरठ से प्रत्याशी घोषित कर चुनाव को बेहद रोचक बना दिया हैं। दरअसल, पश्चिमी यूपी में मेरठ की सीट बेहद महत्वपूर्ण हैं। भाजपा ने तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटा है। दरअसल, कई दिनों से फिल्म अभिनेता अरुण गोविल का नाम चल रहा था। मीडिया की सुर्खियां भी बन रहा था। आखिर इसका होली पर्व पर ऐलान कर सबको चौका दिया।

मेरठ में जन्मे अरुण गोविल वैश्य परिवार से है। अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ कैंट में रहने वाले एक वैश्य परिवार में हुआ। बाद में उनका परिवार हापुड़ स्टैंड के पास रामनगर में रहने लगा था। अरुण गोविल के पिता चंद्र प्रकाश गोविल नगर पालिका परिषद में जलकल अभियंता के पद पर तैनात थे। अरुण गोविल की प्राइमरी शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर पूर्वा महावीर में हुई। इसके बाद राजकीय इंटर कॉलेज से हाईस्कूल उत्तीर्ण की।

सहारनपुर और शाहजहांपुर से स्नातक की। उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्राप्त की। अरुण गोविल ने इंजीनियरिंग विज्ञान में अध्ययन किया और कुछ नाटकों में अभिनय किया। उनके पिता चाहते थे कि वह एक सरकारी कर्मचारी बनें, जबकि अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे, जिसके लिए उन्हें याद किया जाए।

परिवार में चौथे नंबर के हैं अरुण गोविल

अरुण छह भाई और दो बहनों में चौथे नंबर के हैं। गोविल ने अभिनेत्री श्रीलेखा से शादी की है। उनके दो बच्चे हैं, सोनिका और अमल हैं। 17 साल की उम्र में वह बिजनेस के सिलसिले में मुंबई गए और अभिनेता बनने के लिए संघर्ष शुरू किया।

फिल्म पहेली से शुरुआत हुई

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अरुण गोविल घर-घर लोकप्रिय भले ही रामायण सीरियल से हुए, लेकिन बड़े पर्दे पर वो काफी पहले 1977 में आई फिल्म पहेली से डेब्यू कर चुके थे। ये फिल्म पारिवारिक फिल्में बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस राजश्री प्रोडक्शंस की थी। राम के किरदार ने अरुण को आम से खास बना दिया था। पब्लिक प्लेस पर लोग उनको देखते ही उनके पैरों में गिर जाते थे। दरअसल, लोग उन्हें भगवान राम के रूप में देखने लगे थे और उनका आशीर्वाद चाहते थे।

रामायण के बाद टीवी इंडस्ट्री में रहे सक्रिय

रामायण के बाद गोविल टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय रहे हैं और बाकी कई पौराणिक धारावाहिकों में अभिनय किया। इनमें लव-कुश, विश्वामित्र और बुद्धा नाम के टीवी शो में राजा हरिश्चंद्र का किरदार भी निभाया। टीवी पर उनका दूसरा लोकप्रिय किरदार रहा, विक्रम बेताल का राजा विक्रम। इस शो और अरुण गोविल के किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया। अरुण, श्रद्धांजलि, इतनी सी बात, जियो तो ऐसे जियो सावन को आने दो जैसी कई फिल्मों में भी नजर आए।

रामायण के बाद छा गए थे अरुण गोविल

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दूरदर्शन पर पहली बार रामायण का प्रसारण 25 जनवरी 1987 में शुरू हुआ और आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 1988 को देखने को मिला था। सीरियल में अभिनेता अरुण गोविल ने राम का किरदार निभाया था और वे अब तक भगवान राम की छवि से बाहर नहीं निकल पाए हैं। शो के प्रसारण के 34 साल बाद भी गोविल को आज भी टीवी के राम के रूप में ही पहचाना जाता है। हालांकि वे एक्टर नहीं बनना चाहते थे, उनका सपना तो बिजनेसमैन बनने का था और इसी सपने के साथ वे मुंबई पहुंचे थे। एक इंटरव्यू के दौरान खुद अरुण ने बताया था कि राम का किरदार निभाने के बाद लोग उन्हें असल में भगवान राम मानने लगे थे। वे जहां जाते थे लोग उन्हें देखकर हाथ जोड़ने लगते और उनके पैर छूने लगते थे। टीवी पर ‘रामायण’ सीरियल देखते समय लोग अगरबत्ती तक जलाने लगे थे। इतना ही उन्हें फिल्मों में भी इसी तरह के रोल आॅफर होने लगे थे, जिसकी वजह से उन्होंने एक्टिंग से दूरी बना ली थी।

भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल का प्रोफाइल

नाम: अरुण गोविल
पिता का नाम: चंद्रप्रकाश गोविल
निवासी: मूल निवासी मेरठ
शिक्षा: प्राइमरी से इंटरमीडिएट तक मेरठ में प्राप्त की
फिल्मी कॅरिअर: 1975 में मुंबई गए
पहली फिल्म: सावन को आने दो
पिता: चंद्रप्रकाश गोविल मेरठ नगर पालिका में जलकल अभियंता के पद पर तैनात रहे। 
रामानंद सागर ने अरुण गोविल को सबसे पहले सीरियल ‘विक्रम और बेताल’ में राजा विक्रमादित्य का रोल दिया था। इसकी अपार सफलता के बाद 1987 में ‘रामायण’ में भगवान राम का अभिनय की भूमिका अरुण ने निभाया।

गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग को मिला टिकट

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दिल्ली एनसीआर से सटे गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने इस बार शहर विधायक अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया है। यह पहला मौका है, जब भाजपा ने वैश्य समाज से गाजियाबाद सीट पर प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले पार्टी ने आठ बार चुनाव लड़ा है। सात बार जीत मिली है। सातों बार क्षत्रिय समाज के सांसद बने हैं। हालांकि इस सीट को क्षत्रियों का गढ़ माना जाता है। वैसे वैश्य समाज के उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी के सुरेंद्र प्रकाश गोयल ने भाजपा के चार बार के सांसद रमेश चंद तोमर को 2004 के चुनाव में हराया था।

भाजपा ने पहली बार चुनाव 1980 में लड़ा था और अनुसूचित जाति के संघप्रिय गौतम को उम्मीदवार बनाया था। उनकी जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद हर बार क्षत्रिय समाज के उम्मीदवार आए और चुनाव जीतते गए। संघ परिवार की पसंद कहे जाने वाले अतुल गर्ग 2017 और 2022 में गाजियाबाद सीट से विधान सभा चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाया गया था। 2022 में उनकी जीत पहली से बड़ी थी, लेकिन मंत्री नहीं बनाया गया। कविनगर निवासी 62 वर्षीय अतुल गर्ग के कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थान हैं।

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