- एडीजी के निरीक्षण के दौरान आठ से 5 आईटीएमएस चौराहों के कैमरे बंद मिले
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एडीजी यातायात ने निगम परिसर में बने आईटीएमएस कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें आठ से पांच चौराहों के आईटीएमएस सिस्टम बंद मिले। कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए उन्हें कई चौराहों पर जाम देखने को मिला। एडीजी ने आईटीएमएस सिस्टम पर लगे क्वीक वाइस की सहायता से हापुड़ अड्डे पर खड़े सिपाही से बात की। चौराहे पर लगे जाम को खुलवाने के लिए कहा।
रविवार को एडीजी यातायात के. सत्यनारायण सर्किट हाउस पहुंचे। पुलिस ने उन्हें गार्ड आॅफ आर्नर दिया। एसएसपी डा. विपिन ताडा व एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने उन्हें बुके देकर स्वागत किया। एडीजी यातायात ने पुलिस लाइन में ट्रैफिक कार्यालय का निरीक्षण किया। कार्यालय परिसर में खड़े सीज वाहनों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। इसके साथ यातायात व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। यातायात संचालन के लिए शहर को चार जोन में विभाजित कर ई-रिक्शाओं को रूट आवंटित कर स्टीकर वितरित किये जाने सम्बन्धी कार्य की सराहना की।
इसके बाद वह दोपहर निगम परिसर में लगे आईटीएमएस कंट्रोल रूम में पहुंचे। जिसमें उन्हें आठ आईटीएमएस चौराहों पर लगे पांच सीसीटीएनएस सिस्टम बंद मिले। एडीजी के. सत्यानारायण ने नगर नगर परिसर में बने कंट्रोल रूम से सीसीटीवी की मदद से हापुड़ अड्डे की ट्रैफिक व्यवस्था देखी। इस दौरान उन्होंने देखा कि ट्रैफिक पुलिस किनारे पर खड़ा हुआ है। चौराहे पर जाम लगा है। चोरों तरफ ई-रिक्शा ही बिना रोकटोक के चल रहे हैं। उन्होंने सिस्टम के माध्यम से सिपाही से बात की। उसे हापुड़ अड्डे पर जाम खुलवाने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
टीएसआई को मिली चार चौराहों की जिम्मेदारी
एडीजी यातायात के. सत्यनारायण ने प्रत्येक टीएसआई को चार चौराहों की जिम्मेदारी देते हुए उनकी ड्यूटी कम से कम 1 माह तक उन्हीं चौराहों पर रहे ताकि वह उन चौराहों के आसपास स्थित प्रतिष्ठानों एवं स्कूल-कॉलेज के निजी सुरक्षा गार्ड के सहयोग से सुगम यातायात के लिए सुधारात्मक कार्य करा सके।
पुलिस लाइन में होगा आईटीएमएस कंट्रोल रूम
एडीजी के. सत्यानारायण का कहना है कि पुलिस लाइन में खाली बिल्डिंग मिल गई है। यह आईटीएमएस सिस्टम व कंट्रोल रूम पुलिस लाइन में ट्रांसफर किया जाएगा। यहां पर ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनने से काफी दिक्क्त आ रही है। ट्रैफिक पुलिस कर्मी भी इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। रोज किसी न किसी चौराहे के कैमरे खराब हो जाते हैं।
मेरठ में रह चुके हैं एसएसपी और डीआईजी
के. सत्यानारायण मेरठ में कई साल तक एसएसपी व डीआईजी के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने जाम से निपटने के लिए कई कड़े कदम उठाए थे। इसके साथ उन्होंने शहर के कई कट बंद कर दिए थे। जिससे जाम लगना कम हो गया था।