- गंगा से सटे गांव में अफसरों की निगरानी में टीमों ने डाला डेरा
- बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम एक्टिव कर तैनात किए गए मजिस्ट्रेट
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन रैनी गांव में ग्लेशियर फटने के बाद जिला प्रशासन ने उत्तराखंड से सटे क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए खेतों को खाली कराकर यहां बाढ नियंत्रण कंट्रोल रूम की स्थापना कर अफसरों को तैनात कर दिया है।

जिले में डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने गंगा नदी किनारे पडने वाले क्षेत्रों सभी क्षेत्रों में हाई अलर्ट करने के साथ खादर क्षेत्र में टीमों को अलग अफसरों को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी किये हैं। सूबे की राजधानी से मुख्यमंत्री का फरमान मिलते ही जनपद के तटीय इलाकों में पुलिस व प्रशासनिक अफसर एक्टिव मोड़ पर आ गए हैं। गौरतलब है कि रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद अलकनंदा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया और जल प्रलय का खतरा लगातार तेजी से बढने लगा ।
गंगा से सटे क्षेत्रों में अफसरों ने डेरा डाला
एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार ने खादर क्षेत्र में डेरा डाल लिया है उन्होंने सभी बाढ़ चौकियों से भी रिपोर्ट तलब करते हुए मजिस्ट्रेट की निगरानी में टीमें बनाकर उन्हे सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम सदर दीपक कुमार और एसडीएम जानसठ आईएएस अमृतपाल कौर को खादर क्षेत्र में लगाया गया है। पुरकाजी से लेकर रामराज तक तटीय इलाकों को पुलिस और प्रशासन की टीमों ने खाली कराया जा रहा है। इसके साथ ही बाढ़ चैकियों को भी सतर्क कर दिया गया है।
पुरकाजी, भोपा, मीरापुर, रामराज के क्षेत्रों में मंडराया खतरा
मोरना। पुरकाजी और भोपा क्षेत्रों से लेकर मीरापुर रामराज थाना के लगभग 2 दर्जन गांव हैं, जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा गांव गंगा के किनारे बसे हैं जिनमें पानी आने की सभावना ज्यादा रहती है। इन क्षेत्रों में लगातार खतरा मंडरा रहा है।
वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई तबाही के बाद यहां आधा दर्जन से भी ज्यादा गांव जलमग्न होने से ग्रामीणों व किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था अलर्ट जारी होने के बाद जिला प्रशासन की कई टीम प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के लिए निकल गई है। जिसमें पुरकाजी के शेरपुर खादर से लेकर भोपा क्षेत्र के मजलिसपुर तौफीर और गंगा बैराज पर अधिकारी पैनी निगाह रखे हुए हैं।
मोरना ब्लाक के आधा दर्जना गांव अलर्ट
मोरना संवाददाता के अनुसार भोपा क्षेत्र के गांव मजलिसपुर तौफीर, सिताबपुरी नया गांव खैरपुर, बिहरगढ, धारीवाला, में पुलिस और प्रशासनिक टीमों ने पहुंचकर ऐलान करते हुए लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की और मोरना क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में अलर्ट जारी कि या।
मोरना: खेतों में काम कर रहे किसानों में मची भगदड़
उत्तराखंड से बांध टूटने और पानी का बहाव खादर क्षेत्रों की ओर बढने की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो यहां खेतों में काम कर रहे किसानों में भगदड मच गई और खेतों से लेकर गांव तक लोगों में अजीब सा माहौल पैदा हो गया। ग्रामीण अपने पशु और जरूरत का सामान समेटने में लग गए।
रामराज: ग्रामीणों से सुरक्षित स्थापन पर पहुंचने की अपील
उत्तराखंड के चमोली में टूटे ग्लेशियर के कारण रामराज के खादर क्षेत्र में भी भारी पानी आने की संभावना के चलते जिला प्रशासन नें अलर्ट घोषित कर दिया है। प्रशासन द्वारा गंगा के आसपास के ग्रामीणों से वहां से हटकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की अपील की है।
ज्ञात हो कि रविवार को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूट गया जिससे चमोली क्षेत्र में तबाही मच गई है। पानी का सैलाब चमोली मे तबाही मचाने के बाद उत्तर प्रदेश मे घुस रहा है। पानी का सैलाब आने के कारण रामराज के खादर क्षेत्र मे भी किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए जिला प्रशासन ने खादर क्षेत्र मे अलर्ट घोषित कर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा गंगा किनारे के गाँवो में मुनादी करायी जा रही है।
ग्रामीणों से गंगा किनारे के गाँव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुचने के लिए कहा जा रहा है। प्रशासन द्वारा अलर्ट घोषित करने के बाद ग्रामीणों मे भी दहशत का माहौल है, जो किसान अपने खेतों पर काम करने के लिए गए हुए थे वो भी अपने घरों को लौट आए है तथा अपने पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थान की और प्रस्थान कर दिया है मुजफ्फरनगर प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
एडीएम तथा एसडीएम जानसठ नें गंगा बैराज पर पहुंचकर बैराज पर तैनात अधिकारियों के साथ बैठक शुरू कर दी है तथा सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को पूरी तरह सतर्क रहने के दिशा निर्देश दिए है। प्रशासन द्वारा गंगा किनारे पलेज की खेती कर रहे किसानो को भी गंगा किनारे से हटा दिया गया है।
अभी जनपद में कोई खतरे वाली बात नहीं है, लेकिन फिर भी शासन से मिले दिशा निदेर्शों और उत्तराखंड में बने हालातों के मद्देनजर जनपद में भी सतर्कता बरती जा रही है। इसके साथ ही जिला मुख्यालय पर बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम को भी एक्टिव कर दिया गया है। गांगा से सटे दो दर्जन गांव अधिक प्रभावित होने की संभावना है, पानी बढता है तो प्रभावित गांव खाली कराकर इंतजाम कराया जाएगा।
-आलोक कुमार, अपर जिलाधिकारी एवं बाढ़ नियंत्रण अधिकारी