Wednesday, September 18, 2024
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शहर में डेयरी को लेकर प्रशासन सख्त

  • डीएम ने शहर से डेरी बाहर करने को 27 को बुलाई बैठक
  • उच्च न्यायालय लखनऊ बैंच में योजित अवमानना याचिका पर फिर लिया संज्ञान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर की जनता के लिए बेपटरी सफाई व्यवस्था के मुद्दे पर जी का जंजाल बनी डेयरियों पर एक बार फिर से कार्रवाई के लिए शासन सख्त होता दिखाई दे रहा है। यह सख्ती शासन द्वारा स्वत: संज्ञान लेते नहीं की जा रही है, यह कार्रवाई उच्च न्यायालय की लखनऊ बैंच में योजित अवमानना याचिका को लेकर की जा रही है। इस संबंध में डीएम ने 27 दिसंबर को कार्यालय में अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में 6 जुलाई 2023 के अनुपालन में कैटल कालोनी विकसित करने के संबंध में बुलाई गई है। ताकि शहर की डेयरियों को कैटल कालोनी में शिफ्ट किया जा सके।

मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव द्वारा शहर से बाहर डेयरियों को शिफ्ट किये जाने को लेकर डीएम एवं नगरायुक्त नगर निगम को पत्र जारी कर 27 दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय पर होने वाली बैठक के संबंध में जानकारी दी। उच्च न्यायालय लखनऊ बैंच में योजित अवमानना याचिका संख्या-2925/2022 सिराजुल अली अन्य बनाम अमृत अभिजात प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश शासन में हाईकोर्ट बैंच 6 जुलाई 2023 के अनुपालन में बुलाई गई है।

बैठक में डीएम द्वारा शहर से डेयरियों को बाहर शिफ्ट करने की दिशा में अब तक किये गए प्रयासों पर चर्चा व समीक्षा की जायेगी। बैठक के लिए डेयरी संचालन एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह उपाध्याय को भी पत्र जारी किया गया है। ताकि शहर में डेयरी के गोबर से नाली व नालों के चोक होने की समस्या से लगातार बढ़ती जा रही है, उसको लेकर पार्षदों के द्वारा बोर्ड बैठक में भी मुद्दा उठाया गया था।

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शहर से डेयरी बाहर शिफ्ट करने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद कैटल कॉलोनी विकसित करने की बात अधिकारियों के द्वारा कही गई थी। इस संबंध में महेंद्र सिंह उपाध्यक्ष डेयरी संचालक एसोसिएशन मेरठ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह भी चाहते हैं कि डेयरी शहर से बाहर शिफ्ट हों, लेकिन उसके लिए अभी तक कैटल कॉलोनी विकसित नहीं की गई। वह खुद भी 12 वर्ष पूर्व इस मामले को लेकर हाईकोर्ट तक गए थे, लेकिन अधिकारियों के द्वारा सहयोग न देने की स्थिति में शहर से बाहर डेयरियों के लिए कैटल कॉलोनी विकसित नहीं की जा सकी।

शहर में दो हजार से अधिक डेयरी हैं, लेकिन जो जगह पूर्व में दिखाई गई थी,उसमें 20 से 25 डेयरी की जगह ही उपलब्ध हो सकी थी। जिस करण यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। काशी के इको पार्क में जो जगह खाली पड़ी है, उसमें योजना परवान चढ़ सकती है, उस पर कोई अधिकारियों का ध्यान नहीं है। जिस जगह भी कैटल कॉलोनी विकसित हो उस जगह पर पशुओं के लिए चारा, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।

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