- बाउंड्री रोड पर खोदा पड़ा गड्ढा, दे रहे हादसों को दावत
- बजाय लाल कपडेÞ के टांग दिया पॉलीथिन का बोरा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: छावनी परिषद के अफसर ही स्मार्ट कैंट के दावों को खुद पलीता लगाने पर तुले हैं। अफसरों की कारगुजारी कैंट में रहने वालों के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं। बोर्ड के तमाम सेक्शनों के स्टाफ की कारगुजारियां हादसों को न्योता दे रही हैं। लगता है कि छावनी परिषद प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। केवल हादसों को ही न्योता नहीं दिया जा रहा है बल्कि कोरोना की आहट के बीच छावनी प्रशासन की कारगुजारियां बीमारियों को भी न्यौता दे रही हैं।
बाउंड्री रोड बदहाल
कैंट के बाउंड्री रोड इलाके में पिंकी छोले के समीप सड़क में गड्ढा खोदकर उसको भरने में की जा रही देरी हादसों को न्योता दिया जा रहा है। जो लोग लालकुर्ती या फिर बाउंड्री रोड इलाके में रहते हैं और जानते हैं खासतौर से वो लोग जो बाइक या कार का इस्तेमाल करते हैं उन्हें तो शायद पता हो कि बाउंड्री रोड पर अमुक स्थान पर बोर्ड का स्टाफ गड्ढा खोकद भूल गया है, लेकिन रात में बाउंड्री रोड से होकर गुजरने वाले ऐसे लोगों को जिन्हें इस कारगुजारी की जानकारी नहीं होगी,
उनके लिए यहां खोदा गया गड्ढा मौत या गंभीर हादसे का गड्ढा साबित हो सकता है। आमतौर पर होता है कि जहां भी रोड पर या अन्य स्थान पर इस प्रकार का काम किया जाता है, वहां खतरे का संकेत लगाया जाता है, लेकिन यहां संकेत के जगह केवल लकड़ी पर प्लास्टिक का कट्टा या कहें जालीदार बोरा टांग दिया गया है।
माल रोड रॉयल होटल
माल रोड पर रॉयल होटल के समीप जो रास्ता लालकुर्ती बड़ा बाजार की ओर जा रहा है, वहां भी बाउंड्री रोड पर खोद गए गड्ढे की तर्ज पर खुदाई कर छोड़ दी गयी है। यदि कोई अंजान शख्स बाइक या कार से रात के वक्त यहां गुजरे और उसकी नजर यहां की गयी खुदाई पर न जाए तो उसके साथ दुर्घटना तय है। ऐसी कारगुजारियां कैंट में एक दो नहीं अन्य वार्डों में देखने को आमतौर पर मिल जाती है।
बीसी लाइन में गंदगी रोड पर
कैंट के बीसी लाइन इलाके में जहां अनेक फौजी अफसरों के बंगले भी हैं, वहां कैंट बोर्ड के डलाव घर में डंप किया जाना वाला कूड़ा कचरा अक्सर आवारा पशु या कहें कि यह डलवाघर पर आश्रित गोवंश व कुत्ते इधर उधर फैलाते रहते हैं। कई बार तो डलावघर का कूचरा कुत्ते व दूसरे पशु सड़क तक फैला देते हैं। लोगों की शिकायत है कि यदि समय से इसको उठा लिया जाए तो आवारा पशु यहां गंदगी ना फैलाए। कई बार तो पूरे दिन सड़क पर डलावघर की गंदगी पसरी रहती है और वहां से उठने वाली दुर्गंघ आसपास रहने वालों को परेशान रखती है।
चंद दिनों में टूट गयी सड़क की सांसें
कैंट क्षेत्र के वेस्ट एंड रोड से मंदिर मार्ग की ओर जाने वाले रास्ते पर चंद रोज पहले बनवायी गयी सड़क की सांसे उखड़ने लगी हैं। यह सड़क कई जगह से खड़ने लगी है। इसके उखडेÞने का कारण क्या है यहा तो जांच से ही साबित हो सकता है, लेकिन क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि आमतौर पर सड़क सरीखे मामलों में खासतोर से जहां सड़क बनने के कुछ ही दिन बाद यदि उखड़ने लग जाए तो समझ लीजिए मामला सीधा भ्रष्टाचार या कहें घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल से जुड़ा है। ऐसे ही मामलों की पहले सीबीआई जांच भी कर रही है, लेकिन लगता है कि सीबीआई का खौफ अब कैंट बोर्ड के स्टाफ को नहीं रह गया है तभी तो यह सड़क बनने के चंद रोज बाद ही उखड़नी शुरू हो गयी है।
बस अब बहुत हुआ…
मेरठ: इलेक्ट्रॉनिक भले ही हो बस, मगर सफर की गारंटी नहीं। यदि आप गंतव्य पर पहुंचने के लिए सरकार की इलेक्ट्रॉनिक बस का इस्तेमाल करने के इरादे से निकले हैं तो सोच समझ कर इसमें सवारी करें, क्योंकि अक्सर ये बसें यात्रियों का साथ बीच सफर में ही छोड़ देती हैं।
महानगर में अक्सर इलेक्ट्रॉनिक बसें बीच रास्ते में हांफने लगती हैं। शनिवार को भी बेगमपुल के समीप ऐसी ही एक इलेक्ट्रॉनिक बस ने बीच सफर में ही यात्रियों का साथ छोड़ दिया। काफी देर तक यह खड़ी रही। देर तक इंतजार के बाद इसको दुरुस्त करने वाले मैकेनिक पहुंंचे।