- आज लोक अदालत का बहिष्कार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बार एसोसिएशन के महामंत्री विनोद कुमार चौधरी ने बताया कि हापुड़ के वकीलों पर पुलिस प्रशासन द्वारा उग्र होकर गलत तरीके से लाठीचार्ज किया गया था। जिससे पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है। जिसके सम्बन्ध में राज्य विधिक परिषद उत्तर प्रदेश की आपात बैठक तीन सितम्बर को हुई थी।
जिसमें प्रशासन के रवैये पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए निलम्बन की मांग की गई थी जो आज तक पूरी नहीं हुई है। जिसके विरोध में उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता आज भी आन्दोलनरत हैं। आज होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का विरोध करते हुए सभी अधिवक्तागण पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे।
अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को भी जिलेभर के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे और हनुमान मंदिर स्थित मुख्य गेट पर मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुंवरपाल शर्मा के नेतृत्व में धरना दिया गया। जिसका संचालन महामंत्री विनोद चौधरी एवं विमल तोमर द्वारा किया गया। इस दौरान सैकड़ों अधिवक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए हापुड़ पुलिस प्रशासन द्वारा किये गये लाठीचार्ज की घोर निंदा की।
30 अगस्त को बनाई थी जांच समिति
30 अगस्त को बनाई गई एसआईटी में शासन ने मेरठ कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे को अध्यक्ष बनाया था। उनके साथ मेरठ आईजी नचिकेता झा और मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज.जी शामिल थे। लेकिन वकीलों द्वारा एसआईटी में किसी भी विधिक प्रोफेशन के अफसर को न रखे जाने पर वकीलों ने विरोध जताया था। वकीलों ने मांग की थी कि जांच समिति में विधि पक्ष से जुड़े व्यक्ति को भी शामिल किया जाए, वह वर्तमान में कोई अधिवक्ता, जज या सेवानिवृत्त अधिवक्ता या जज हो सकता है।
यूपी बार काउंसिल चेयरमैन बोले
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चेयरमैन शिव किशोर गौड़ एडवोकेट ने बताया कि हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के प्रकरण में विरोध स्वरूप आन्दोलन जारी रहेगा। जिले में आज होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का विरोध करते हुए सभी अधिवक्तागण पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे। धरने में अनिल कुमार बक्शी, गजेन्द्र सिंह धामा, उदयवीर सिंह राणा, मांगेराम, राजेन्द्र सिंह जानी, प्रबोध शर्मा, देवकी नन्दन शर्मा, अलका शर्मा, अमरपाल भट्टल सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।
11 को वकीलों का पक्ष जानेगी एसआईटी
हापुड़ में पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए लाठीचार्ज मामले में एसआईटी ने पीड़ित पक्ष, वकीलों को अपना पक्ष रखने के लिए 11 सितंबर का समय रखा है। सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में एसआईटी की नवीन जांच समिति के समक्ष वकीलों का पक्ष सुना जाएगा।
विरोध पर बनी नई एसआईटी
वकीलों के विरोध के बाद 4 सितंबर को नई जांच समिति का गठन किया गया। जिसमें सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय को भी सदस्य नामित किया गया। अब इन चार सदस्यीय जांच समिति के सामने वकीलों को पक्ष रखने बुलाया है। साथ ही घटना से जुड़े आडियो, वीडियो व साक्ष्य प्रस्तुत करने बुलाया है।