- दारोगा की पिस्टल छीनकर पुलिस पर की फायरिंग जवाबी फायरिंग में पैर में लगी गोली
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: बुधवार को आफिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी मशरूफ से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। आलाकत्ल बरामदगी के लिए जा रही पुलिस टीम पर हत्यारोपी ने हमला कर दिया। आरोपी ने दारोगा की पिस्टल छीनकर पुलिस पर फायरिंग कर दी। कई पुलिसकर्मी गोली लगने से बच गए। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो पैर में गोली लगने से आरोपी घायल हो गाय। जिसे बाद में पुलिस ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
दरअसल, पुलिस ने मंगलवार की रात को ही मुख्य हत्यारोपी मशरूफ पुत्र हाशिम को तहसील तिराहे से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उसके पास से एक पिस्टल व 32 बोर के कारतूस भी बरामद किए। रातभर पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की। बुधवार सुबह पुलिस आरोपी को उसके द्वारा बताए गए लोकेशन के आधार पर तमंचा बरामद करने महादेव गांव के जंगल में पहुंचे। जहां आरोपी ने मौका पाकर दारोगा ओमप्रकाश की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश की। आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह अपनी जान बचाई।
पुलिस ने उसकी घेराबंदी कर दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। इंस्पेक्टर प्रताप सिंह ने फायरिंग की तो पैर में गोली लगने से आरोपी घायल हो गया। पुलिस ने घायल को उपचार के लिए सीएचसी में भर्ती कराया। सूचना मिलते ही सीओ संजय जायसवाल भी अस्पताल पहुंच गए। उपचार के बाद आरोपी को थाने भेज दिया गया। इस संबंध में एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा का कहना है कि हत्यारोपी मशरूफ को पिस्टल बरामदगी के लिए पुलिस लेकर गई थी। आरोपी ने दारोगा की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में मशरूफ के पैर में गोली लगी है। बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश जारी है।
बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश जारी
बाकी फरार चल रहे हत्यारोपियों की तलाश में पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश जारी है। बुधवार को भी पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर दबिश दी। मामले में पुलिस ने कई लोगों को पूछताछ के लिए भी हिरासत में ले रखा है।
सऊदी में योग्य अधिवक्ता तलाश करा रहे जैद के परिजन
मुंडाली: सऊदी अरब की मक्का क्रिमिनल कोर्ट से सजा-ए-मौत के आदेश की सूचना प्राप्ति के बाद से जैद के परिजनों में खौफ भी है और अफसोस भी। खौफ तो ये कि ड्रग्स तस्करी के मकड़जाल में फंसे उनके लाडले को सऊदी बादशाह के फरमान पर न जाने कौन से पल फांसी के फंदे पर लटका दिया जाए। अफसोस ये है कि चालक की नौकरी के लिए अरब गया उनका बेटा दर-दर ठोकरें खाकर मौत के कगार पर पहुंच गया, लेकिन खाली हाथ घर लौटना गवारा नही किया। अब अरब के शहर रियाद और जद्दाह में नौकरी कर रहे जैद के भाई और गांव के लोग उसके बचाव के लिए योग्य अधिवक्ता की तलाश में हैं।
छह वर्ष पूर्व सऊदी अरब में चालक की नौकरी को गया मुंडाली का रछौती निवासी जैद (36) पुत्र जुबैर 15 जनवरी 2023 से ड्रग्स तस्करी के आरोप में जेद्दाह सेंट्रल जेल सुमेसी जेद्दाह में बंद है। हाल ही में मक्का क्रिमिनल कोर्ट ने उसके लिए सजा-ए-मौत का आदेश पारित किया है। आदेश सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय में अनुमोदन के लिए भेजा गया है। सऊदी सरकार ने जैद के परिजनों को भी उचित पैरवी के लिए नोटिस भेजा है। गत दो दिसंबर को नोटिस प्राप्ति के बाद से जैद के परिजनों में खौफ और अफसोस साफ दिख रहा है। परेशान परिजन बेटे की सकुशल घर वापसी की जुगत में लगे हैं।
नहीं थम रहे आंसू
जैद के भाई सुहेल ने बताया कि नोटिस प्राप्ति के बाद से उसकी मां रिहाना, बहनों मुजस्सिम और नाजिया का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटे पर आई आफत के गम में जहां पिता जुबैर की आंखों में आंसू सूख गए हैं। वहीं, भाइयों सुहेल, शाद, समीर व माज के आंसू थम नहीं रहे हैं। घर पर रिश्तेदारों का जमावड़ा लगा है। हृदयरोगी जैद की मां की हालत देख दुर्वेशपुर निवासी उसकी बुआ जन्नत और इकला रसूलपुर निवासी मौसी फरहाना भी सिसकियां भर रही थीं।
हो रहीं दुआएं
बुधवार को जैद के घर पर मीडिया और आसपास के गांवों के लोगों का तांता लगा रहा। जैद की सकुशल रिहाई के लिए ग्रामींण और परिजन लगातार दुआएं कर रहे हैं। सुहेल ने बताया कि मंगलवार को उसके पिता ने विदेश मंत्रालय के जरिए सऊदी सरकार को माफीनामे की अर्जी भिजवा दी है। वहीं जद्दाह में नौकरी कर रहा उसका भाई नईम और रियाद में रह रहा रछौती का बिलाल, जैद की पैरवी के लिए अरब में योग्य अधिवक्ता तलाश रहे हैं।
ऐसे फंसा जैद
सुहेल ने बताया कि जैद जून 2018 में स्वालेह मुहम्मद अल-सुदेश कंपनी में चालक की नौकरी पर गया था। पर्याप्त पारिश्रमिक न मिलने पर डेढ़ वर्ष बाद उसने वहीं अल-जफर कंपनी में (तनाजुल) ट्रांसफर करा लिया। कुछ महीने बाद ही जैद की गाड़ी चोरी हो गई। जिसको सऊदी पुलिस ने तीन दिन में बरामद कर लिया। अल-जफर में नौकरी के एक वर्ष बाद जैद की गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हुई तो कंपनी मालिक ने जैद पर कीमत वसूली का मुकदमा कर दिया। रिकवरी के भय से जैद कंपनी छोड़ भागा। इस दौरान उसकी मुलाकात एक पुलिसकर्मी से हुई। जिसने उसे अपनी घरेलू गाड़ी पर रख लिया। बताया गया कि तीन महीने बाद ड्रग्स तस्करी के आरोप में उसे जेल भेज दिया गया।