Friday, July 5, 2024
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आखिर सब्र का सिला मिला बाजपेयी को

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  • प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी को नगर निगम में दिलाई थी ऐतिहासिक सफलता
  • 2017 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद पांच साल से चल रहे थे हाशिये पर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चार बार के विधायक रहे तेज तर्रार और लोगों में लोकप्रिय डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को आखिरकार सब्र का सिला मिल गया और पार्टी हाईकमान ने उनको राज्यसभा भेजने का फैसला कर लिया। 20 जुलाई 1951 को जन्मे डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और मेरठ शहर सीट से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में चार बार चुने गए। उन्होंने बीएससी मेरठ कॉलेज, मेरठ से और बाद में ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज, हरिद्वार से बीएएमएस की डिग्री प्राप्त की।

वह अपने कॉलेज के दिनों में छात्र संघ के महासचिव थे। इस कार्यकाल के दौरान लक्ष्मीकांत ने कई वरिष्ठ नेताओं के सामने विरोध किया और राज्य के सभी आयुर्वेदिक कॉलेजों के लिए सरकारी सहायता और प्रबंधन प्राप्त करने में सफल रहे। 1977 में वे जनता पार्टी के युवा मोर्चा (युवा प्रकोष्ठ) के अध्यक्ष बने। 1980-87 के दौरान वे भाजपा मेरठ के जिला महासचिव थे। 1984-86 वे उत्तर प्रदेश में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष थे।

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उन्हें उत्तर प्रदेश विधान सभा की कई समितियों की सदस्यता प्राप्त थी। वह अपनी ईमानदारी और संयमी जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं और उन्हें अपने स्कूटर की सवारी करते हुए कहीं भी देखा जा सकता है। दिसंबर 2012 में उन्हें भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया था। अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद, भाजपा ने 12 मेयर सीटों में से 10 और वोट प्रतिशत में वृद्धि करके नगरपालिका चुनावों में शानदार जीत दर्ज की थी।

बाजपेयी के संगठनात्मक और राजनीतिक कौशल ने भाजपा के लिए अच्छा काम किया जब पार्टी ने 2014 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटों पर जीत हासिल की थी। डा. बाजपेयी 2017 से हाशिये पर चल रहे थे। उनको योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। बाद में 2020 के चुनाव के समय दूसरी पार्टियों से आने वाले नेताओं के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष बनाये गए थे।

टिकट मिलने पर बांटी गई मिठाइयां

डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को राज्य सभा का टिकट मिलने पर उनके समर्थकों और पार्टी पदाधिकारियों में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी और लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई बांट कर खुशी जाहिर की।

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भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, अरविंद गुप्ता मारवाड़ी, कमलदत्त शर्मा, संदीप रेवड़ी, तुषार गुप्ता समेत तमाम पदाधिकारियों ने बधाई दी।

सुरेन्द्र नागर को मिला इनाम

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे सुरेन्द्र नागर को भी राज्यसभा में भेजकर पार्टी ने जहां अपना वादा पूरा किया। वहीं, गुर्जर वोटरों को पार्टी से और अधिक मजबूती से जोड़ने का काम किया है।

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