- नगर निगम और कैंट क्षेत्र में हजारों की संख्या में सड़कों पर खूले में घूम रहा आवारा गोवंश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर गोशाला एवं सड़कों पर खूले में घूम रहे आवारा गोवंश की समीक्षा करने के लिये लखनऊ से बुधवार को परिवेक्षक देवेंद्र कुमार कुशवाह दौरा करने के लिये पहुंचे। वह परतापुर स्थित कान्हा उपवन गोशाला पहुंचे और निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद सात अप्रैल को वापस लखनऊ लौटकर जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी जानी है,
लेकिन उनके दौरे के मद्देनजर भी आवारा गोवंश को पकड़कर गोशाला भिजवाने का अभियान नगर निगम के द्वारा अभी तक नहीं चलाया जा सका। जिसके चलते सड़कों पर खुलेआम हजारों की संख्या में गोवंश घूमते देखा जा सकता है। लोगों को यही कहते सुना गया कि शासन के द्वारा भेजे गये परिवेक्षक का दौरा पूर्ण हो गया, लेकिन सड़कों पर आवारा गोवंश पूर्व की भांति ही खुले में घूम रहा है। आखिर यह गोवंश कब तक यहीं सड़कों पर घूमता रहेगा।
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गोवंश को लेकर काफी गंभीर हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गुरुवार को लखनऊ में भाजपा के स्थापना दिवस एवं हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर उन्होने सरकार एवं पार्टी की उपलब्धियां गिनाई तो वहीं दूसरी तरफ वह गोवंश पर भी बोले। उन्होंने खासकर निराश्रित गोवंश को लेकर चिंता जताई ओर कहा कि कुछ लोग गोवंश की देखभाल अच्छे से नहीं कर रहे हैं।
जबकि सरकार के द्वारा गोवंश के गोबर से बनने वाले र्इंधन की खपत कैसे हो उसके सुझाव भी दिये। वहीं गोबर से जो पेंट बनता है, उसके बारे में भी बताया कि गोवंश के गोबर से जो पेंट बनता है। उसका जनता रंगाई पुताई के लिये प्रयोग करें, ताकि जिस जगह पर यह पेंट हो उस जगह पर हवन यज्ञ जैसी सुगंध फैले। उन्होंने बताया कि हमारे देश में गोवंश के गोबर से घर के आंगन में चौका व दीवारों की गोबर से ही पुताई की जाती थी।
तमाम गोवंश पर वह बोले, लेकिन महानगर में गोवंश का किस तरह से रखरखाव किया जा रहा है। उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ से आये परिवेक्षक कृषि उत्पादन आयुक्त एवं विशेष सचिवदेवेंद्र कुमार कुशवाह ने परतापुर स्थित कान्हा उपवन गोशाला का निरीक्षण किया और गोशाला में मानक के हिसाब से गोवंश की संख्या अधिक एवं कुछ बीमार गोवंश के उपचार के अतिरिक्त उन्होंने गोशाला की साफ सफाई एवं चारे की व्यवस्था को देखते हुये सबकुछ ओके बताया, लेकिन महानगर की सड़कों पर कितना गोवंश घूम रहा है।
शायद ही उसका निरीक्षण किया हो, यदि निरीक्षण किया होता हो कम से कम गुरुवार को आवारा गोवंश को पकड़कर गोशाला में भिजवाने का अभियान जरूर चलता दिखाई पड़ता। परिवेक्षक को सात अप्रैल को लखनऊ वापस पहुंचकर रिपोर्ट सौंपनी है, लेकिन महानगर की सड़कों पर आज भी हजारों की संख्या में निराश्रित गोवंश घूमता देखा जा सकता है। स्थानीय लोगों का बस यही कहतना है कि आखिर महानगर की सड़कों पर आवारा गोवंश यू हीं कब तक घूमता रहेगा। क्या नगर निगम सड़कों को निराश्रित गोवंश से कब तक मुक्त करायेगी।