Friday, July 5, 2024
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आखिर कुलपति क्यों करना चाहते हैं विवि में नियुक्ति?

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  • आरोप-प्रत्यारोप के बाद भी बाज नहीं आ रहे कुलपति
  • प्राकृतिक खेती पर सेमिनार कही सेटिंग का खेल तो नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के कुलपति प्रो. आरके मित्तल आखिर कृषि विवि में नियुक्ति क्यों करना चाहते हैं? इन नियुक्तियों को करने में कुलपति पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद कुलपति बाज नहीं आ रहे हैं और इन नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक कुलपति अकेले ही नहीं बल्कि इसमें मंत्री और राजभवन के अधिकारी भी इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। जिसके चलते कुलपति की लगातार हो रही शिकायतों के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

14 जुलाई 2019 को कुलपति आरके मित्तल ने कृषि विवि में कुलपति का पदभार ग्रहण किया था। आरके मित्तल इससे पहले बिहार के विवि में कुलपति रह चुके हैं। यहां भी आरके मित्तल विवादों में ही रहे थे। जिसके चलते यहां से भी कुलपति को बीच ही में कार्यकाल छोड़ना पड़ा था।

कृषि विवि में कुलपति का पद ग्रहण करने के बाद से यहां भी कुलपति विवादों के साए में रहने लगे। कुलपति ने डीन और डायरेक्टर की पोस्ट पर जूनियर को तैनाती दे दी। जिसक ा ताजा उदाहरण कृषि विवि में ही देखने को मिला। प्रो. आरती भटेले कुलपति के इस फैसले से क्षुब्ध हो गई और वेटनरी के डीन डा. राजबीर सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चलवा दी थी।
जिसके बाद पुलिस ने इस पूरी घटना का खुलासा किया था, लेकिन उसके बाद भी कुलपति ने सबक नहीं लिया और कुलपति इस बार नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर विवादों में आ गए।

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हालांकि कुलपति को यह संभावना है कि वह सरकार में बैठे मंत्री और राजभवन के इर्द-गिर्द रहने वाले अधिकारियों की परिक्रमा करने से उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। कुलपति विवि में आरएससएस के भी प्रमुख लोगों से भी लगातार संपर्क में है, जो अपने कार्यकाल को बढ़वाना चाहते हैं और कृषि विवि में नियुक्ति प्रक्रिया को अंजाम देना चाहते हैं। जो उनका असली मकसद और टारगेट है।

24 घंटे बाद ही कुलपति ने जारी कर दिया भर्ती का परिणाम

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के कुलपति प्रो. आरके मित्तल पर नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता न बरतने को लेकर विवादों में नाम आया था। राजभवन द्वारा विवि में नियुक्ति प्रक्रिया को अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया था, लेकिन कृषि विवि के कुलपति द्वारा प्राकृतिक खेती पर मंगलवार को कराए गए

सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाए गए गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आर्य और कृषि शिक्षा अनुसंधान राज्यमंत्री बल देव सिंह औलख विशिष्ट अतिथि के रूप में आए थे। सेमिनार के 24 घंटे बीतने के बाद ही कुलपति द्वारा कृषि विज्ञान केंद्रों पर तैनात किए जाने वाले विशेष वस्तु विशेषज्ञ की भर्ती का परिणाम घोषित कर दिया।

कुलपति प्रो. आरके मित्तल का 14 जुलाई 2022 को कार्यकाल समाप्त हो रहा है। कुलपति अपने कार्यकाल को बढ़ाने की फिराक में लगे हुए है। बताया गया कि राजभवन में एक अच्छे और बड़े ओहदे पर कुलपति का रिश्तेदार है। जिसके चलते कुलपति अपने कार्यकाल को बढ़ाने की फिराक में लगे हुए और राजनीतिक दबाव भी डाल रहे हैं। कुलपति कृषि विवि में टीचिंग और नॉन टीचिंग की नियुक्ति करना चाहते हैं।

कुलपति द्वारा की जा रही इन नियुक्तियों में पारदर्शिता न बरतने का आरोप भी लगा था और इसकी शिकायत राजभवन में सच संस्था के अध्यक्ष डा. संदीप पहल द्वारा की गई थी। हालांकि इन नियुक्ति प्रक्रिया को राजभवन द्वारा अग्रिम आदेशों तक रोक भी दिया गया था। इसके बाद कुलपति फिर से इन एक नियुक्तियों को करने की जुगत में जुट गए और कुलपति ने कृषि विवि में प्राकृतिक खेती विषय पर सेमिनार का आयोजन कराया।

इस सेमिनार में गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आर्य और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख को आमंत्रित किया। किन्हीं कारणों से सूर्य प्रताप शाही तो कार्यक्र म में शामिल नहीं हुए, लेकिन अन्य सभी अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए।

हालांकि इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कार्यक्रम में नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर कृषि विवि के कुलपति पर सवाल भी खड़े किए थे। राज्यपाल के जाने के 24 घंटे बीते ही नही कि कुलपति ने विषय वस्तु विशेषज्ञ के 47 पदों पर हुई नियुक्ति प्रक्रिया के परिणाम घोषित कर दिए। बाकायदा यह परिणाम विवि की बेवसाइट पर जारी भी कर दिए गए हैं।

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