- बार-बार क्यों नहीं होती बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई?
- एक के बाद एक अवैध कॉम्प्लेक्स और कॉलोनी काटने में माहिर है बिल्डर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अवैध कॉलोनी और मानकों के विपरीत जाकर कॉम्प्लेक्स बनाकर बेचने वाले बिल्डर अनिल चौधरी के खिलाफ आज तक भूमाफिया की कार्रवाई क्यों नहीं हुई है। बिल्डर एक के बाद एक कॉलोनी और कॉम्प्लेक्स बनाता गया और मेडा की कार्रवाई सिर्फ कागजों में ही दिखाई दी। हाल ही में तीन दिन पहले बिल्डर के कॉम्प्लेक्स पर लगी मेडा की सील को बिल्डर ने तोड़कर उसे पर काम शुरू किया। शिकायत हुई तो फिर अपने ही कर्मचारियों से सील को वापस लगवा दिया। बिल्डर की इस हरकत का पता मेडा के अधिकारियों को लगी तो वहां कर्मचारी तैनात कर दिए गए। अब यह कर्मचारी कॉम्प्लेक्स के बाहर देखरेख करेंगे।
दौराला के रहने वाले बिल्डर अनिल चौधरी ने क्षेत्र में कई अवैध कॉम्प्लेक्स कई कच्ची कॉलोनी का निर्माण किया है। यह कॉलोनी मेडा से पास नहीं कराई गई है। मानकों की अनदेखी कर इन कॉलोनी का निर्माण किया गया है। उदय सिटी कॉलोनी में उदय कुंज के नाम से कई हजार गज में एक कॉलोनी काट दी गई। जिसमें पार्क की जमीन में भी प्लाट काट दिए गए है। जिसकी शिकायत पूर्व में भी मेडा में की गई थी। इसके अलावा पीएसी नाले के पास में एक अवैध कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है।
पल्हैड़ा मार्केट में भी श्री राम कॉम्पलेक्स बनाकर अवैध तरीके से दुकानों को बेच दिया गया है। एक के बाद एक कई अवैध कॉम्प्लेक्स और कॉलोनी काटकर बिल्डर ने अपना साम्राज्य खड़ा किया है। खास बात यह है कि मेडा में लगातार शिकायतें होती रही, लेकिन कार्रवाई मेडा की सिर्फ कागजों में दर्ज होती रही। धरातल पर कोई बड़ी कार्रवाई न होने के कारण बिल्डर एक के बाद एक कॉलोनी काटता चला गया।
कब्रिस्तान की जमीन पर बना दी दुकानें
लावड़ सोफीपुर मार्ग पर भी बिल्डर द्वारा कब्रिस्तान की जगह पर भी दुकाने बना दी गई। करोड़ों रुपये की कीमत में यहां दुकानें बेची गई। इसकी शिकायत मेडा में की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई बिल्डर के खिलाफ नहीं हुई है।
कानून तोड़ा, सील तोड़ी, क्यों नहीं हुई कार्रवाई?
बिल्डर द्वारा सील तोड़कर कॉम्प्लेक्स में काम शुरू कराया गया। कानून तोड़कर बिल्डर द्वारा यह काम किया गया। उसके बावजूद मेडा खामोश है। आखिर बिल्डर के खिलाफ मेडा द्वारा अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई। बिल्डर द्वारा कानून तोड़ा सील तोड़ी उसके बाद भी मेडा खामोश है। बिल्डर की दबंगई के सामने मेडा अपना इकबाल खो चुका है।