Monday, July 1, 2024
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दफीना के बाद पुलिस करेगी बंजारा की संपत्ति की जांच

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  • लिसाड़ीगेट, शास्त्रीनगर आदि इलाकों में संपत्ति को लेकर पुलिस सतर्क
  • गोतस्करी का पैसा मिलता था आतंकी संगठनों को

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: असम पुलिस के हाथों मारे गए फलावदा के दो गोतस्करों अकबर बंजारा और सलमान बंजारा के शव अल सुबह साढ़े तीन बजे पहुंचने के बाद सुबह के वक्त सुपुर्देखाक कर दिये जाएंगे। इसके बाद पुलिस इनकी बेनामी और नामी संपत्ति की जांच करेगी कि आखिर गोकशी के काम से इन लोगों ने कितना पैसा कमाया है। वहीं पुलिस को प्रारंभिक जानकारी मिली है कि अकबर की लिसाड़ीगेट और शास्त्रीनगर में संपत्ति मिलने की बात सामने आई है।

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असम पुलिस ने पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान अकबर बंजारा और सलमान बंजारा को मुठभेड़ में मार गिराया था। पहले पुलिस अधिकारी मुठभेड़ की बात करते रहे और अधिकृत बयान देते रहे लेकिन बाद में सांप्रदायिक माहौल को देखते हुए पुलिस की तरफ से कहा जाने लगा कि आतंकी हमले में दोनो गोतस्कर मारे गए है। सवाल यह उठ रहा है कि असम में नक्सलाइट हमले में अगर दो तस्कर मारे गए तो मेरठ पुलिस को कहानी बनानी क्यों पड़ गई थी।

गोतस्करी का पैसा मिलता था आतंकी संगठनों को

असम पुलिस ने पूछताछ के दौरान मालूम किया था कि गोतस्करी से मिलने वाली रकम का बड़ा हिस्सा बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में चरमपंथी संगठनों को वितरित किया जाता था। इन संगठनों में अब भंग हो चुके नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आॅफ बोरोलैंड, कामतापुर लिबरेशन आॅर्गनाइजेशन और मेघालय के कुछ संगठन शामिल हैं। असम पुलिस ने दावा किया कि वे सोमवार शाम को अकबर और सलमान को भूटान की सीमा से लगे संकोश नदी के किनारे पशु तस्करी के मार्गों की पहचान के लिए साथ ले गए थे।

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जब जामदुआर नामक स्थान पर पहुंचे तो हमारे वाहनों में भारी आग लग गई। पुलिस कर्मी वाहनों से नीचे उतरे, पोजीशन ली और जहां चरमपंथी थे, वहां फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी में पकड़े गए दो कथित तस्करों को चार पुलिस कर्मियों के साथ गोली लगी है। फायरिंग बंद होने के बाद कुछ पुलिसकर्मी घायल दोनों को पास के सोरईबिल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। पुलिस कर्मियों ने स्थल की तलाशी ली और एक एके -47 असॉल्ट रायफल के साथ दो मैगजीन, 35 राउंड गोला बारूद और 28 राउंड खाली गोले बरामद किए।

वाहनों को रोकने के लिए सड़क के किनारे लगाए गए पेड़ की एक शाखा भी बरामद की गई थी। वहीं असम में दोनों गोतस्करों के शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद मृतकों के परिजन हवाई जहाज से शवों को लेकर फलावदा पहुंच गए। सुबह के वक्त उनका दफीना किया जाएगा। एसओ फलावदा वरुण शर्मा का कहना है कि दफीना के बाद अधिकारियों के निर्देश पर ही जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर मृतकों कि पिता और पुलिस के बीच हुई बातचीत में यह बात सामने आ रही है कि लिसाड़ीगेट में अकबर बंजारा का मार्केट है। इसके अलावा शास्त्रीनगर में भी संपत्ति बताई जा रही है। पुलिस इन संपत्तियों की जांच जल्द शुरु करेगी क्योंकि मारे गए दोनों तस्करों को वेस्ट यूपी का नामी गोतस्कर माना जा रहा था।

अकबर और सलमान का तस्करों के दबाव में एनकाउंटर का आरोप

फलावदा: अकबर और सलमान की मौत को असम पुलिस द्वारा किए गए उग्रवादी हमले के दावे को सिरे से खारिज कर रहे हैं। उन्होंने तस्करी में लिप्त बड़े लोगों को बचाने के लिए सगे भाइयों का फर्जी एनकाउंटर किए जाने का आरोप लगाया है। मेरठ से बी वारंट पर असम ले जाए गए गो तस्करी के आरोपी सलमान और अकबर के एनकाउंटर को लेकर किए जा रहे दावे को परिजन सिरे से खारिज कर रहे हैं।

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परिजनों के मुताबिक असम पुलिस सोमवार की रात को 1:30 बजे उग्रवादी हमले में दोनों सगे भाइयों को गोली लगने का दवा कर रही है, लेकिन यह सरासर गलत है। अकबर के पिता पीरु ने बताया कि मंगलवार सुबह फोन पर अकबर ने पत्नी से बात की थी। अकबर के साले सलीम ने बताया कि वह खुद असम में मौजूद था। उसकी प्रतिदिन अकबर और सलमान से बात होती थी। सब कुछ ठीक-ठाक था मंगलवार सुबह आठ बजे पुलिस दोनों भाइयों को अपने साथ ले गई थी। सिर्फ दो घंटे बाद ही उनके एनकाउंटर में मारे जाने की खबर उन्हें मिल गई। अकबर के साले सलीम ने दावा किया है कि गो तस्करी में लिप्त बड़े लोगों के इशारे पर दोनों का फर्जी एनकाउंटर कराया गया है।

प्रशासन की नजर खुफिया विभाग रहा अलर्ट

मोहल्ला बंजारान निवासी हाजी पीरु के सगे बेटों की एनकाउंटर में मौत को लेकर माहौल गरमाने जाने की आशंका के चलते प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है। खुफिया विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। असम में पुलिस द्वारा गो तस्करी के आरोपी सगे भाइयों के एनकाउंटर के बाद स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया। प्रशासन कस्बे के माहौल पर नजर रखे हुए हैं।स्थानीय पुलिस तथा खुफिया विभाग स्थिति पर पल पल नजर रखे हुए हैं। दोनों भाइयों के शवों का अंतिम संस्कार शांतिपूर्वक कराए जाने को लेकर प्रशासन काफी चिंतित नजर आया।

कस्बे में पल-पल की प्रतिक्रिया पर पुलिस प्रशासन की नजर बनी हुई है। खुफिया विभाग के लोग दिन भर माहौल को परखने का प्रयास करते नजर आए। हालांकि कस्बे में शांति का माहौल है। पीड़ित पक्ष में मीडिया के प्रति जरूर आक्रोश नजर आया। मोहल्ले वासियों का कहना था कि मीडिया तस्करी के आरोपी को आतंकी तक बताने में कसर नहीं छोड़ रहा जबकि पुलिस द्वारा की गई मुठभेड़ पर कोई सवाल नहीं किया जा रहा है। मीडिया के खिलाफ किए जा रहे निराधार प्रचार का आरोप लगाते हुए भीड़ ने दोपहर को कवरेज के लिए फलावदा पहुंचे कुछ मीडिया कर्मियों को भीड़ ने दौड़ा दिया।

अकबर और सलमान के शव का होता रहा इंतजार

मुठभेड़ में मारे गए अकबर और सलमान के शवों का उनके रिश्तेदार दिन भर इंतजार करते रहे। उनके मकान पर लोगों की आवाजाही बनी रही। असम में फलावदा निवासी अकबर तथा सलमान की मुठभेड़ के दौरान हुई मौत के बाद कस्बे में उसके घर दिनभर शवों का इंतजार होता रहा। मृतकों के रिश्तेदारों की आवाजाही होती रही। अकबर और सलमान के पिता हाजी पीरू ने उसके घर पहुंची पुलिस से दोनों बेटों के शव दिलाने की गुहार लगाई थी। मंगलवार को मुठभेड़ की खबर मिलने के बाद कस्बे के मोहल्ला बंजारान में स्थित हाजी पीरू के मकान पर लोगों का आवागमन शुरू हो गया। लोग सगे भाइयों की मौत को लेकर शोकाकुल परिवार को सांत्वना देते रहे। बुधवार को दिनभर दोनों भाइयों के शवों का इंतजार होता रहा।

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