जनवाणी ब्यूरो |
हरिद्वार: उत्तराखण्ड के विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने हरिद्वार के डामकोठी स्थित सभागार में संसद से पारित कृषि विधेयकों के सम्बन्ध में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि संसद से जो तीन बिल पारित हुये हैं, उसके लिये हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पूरी टीम को बधाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों की पीड़ा को देखते हुये ही हमारी सरकार यह बिल लाई। अभी तक कुछ ऐसे तत्वों ने केवल अपने हित की राजनीति की है तथा अफसोस जताया यहां तक कि समाचार पत्रों में खबर भी छपवाई, लेकिन किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिये कोई काम नहीं किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि किसान कर्जा लेने के लिये मजबूर हो जाता है।
फसल तैयार होते समय अगर कोई प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से फसल से आमदनी नहीं होती है तो किसान का कर्जा बढ़ता ही जाता है तथा इस तरह कर्जा न चुकाने की वजह से कभी-कभी उसे अपनी जमीन से भी हाथ धोना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों में किसान आत्म हत्या करने को मजबूर हो जाता है।
ये हालात 70 साल से चले आ रहे हैं। केन्द्रीय सरकार को धन्यवाद देता हूूं कि उन्होंने तय किया कि जो किसान की प्रति एकड़ लागत है, उस लागत का 50 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़कर उसको लाभ दिया जायेगा तब एमएसपी लागू की जायेगी। यह आज तक के इतिहास में पहली बार हुआ है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सरकार ने विधेयक में यह पक्की व्यवस्था की है कि फसल का एग्रीमेंट होगा, न कि किसान की जमीन का। उन्होंने कहा कि मेहनत तो किसान करता है, लेकिन उसका फायदा बिचैलिये उठाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसान अब अपनी फसल बेचने के लिये स्वतंत्र है।
वह बिना टैक्स दिये किसी भी बाजार में अपनी फसल को बेच सकता है। इस प्रकार से सभी टैक्सों से किसानों को बचाया गया है तथा किसानों की आय दोगुनी होगी एवं बिचैलियों को हतोत्साहित किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल लिये गये निर्णयों की आलोचना कर लोगों व किसानों को गुमराह कर रहे हैं तथा देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं, देश हित के बजाय निजी हितों को ऊपर रखते हुये शक की स्थिति पैदा कर रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि वह ऐसा कोई कार्य नहीं करते हैं जो किसानों के हित में न हो।
वह हमेशा किसानों के हित की सोचते हैं। किसानों की आय दोगुनी करने के लिये हमेशा प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गेहूं और चणा का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अब धान की फसल कटनी शुरू हो गया है। एमएसपी के अनुसार भुगतान होगा।
उन्होंने कहा कि हमने जो फैसले लिये हैं, वे किसानों के हितों को देखते हुये लिये हैं। श्री पाण्डेय ने कहा कि आम किसान विरोध नहीं कर रहा है। कुछ तत्व अपने हित साधने के लिये विरोध का माहौल बना रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि इन लोगों ने अभी तक बिल का सही ढंग से अध्ययन तक नहीं किया है। उन्होंने उत्तराखण्ड व हिन्दुस्तान के किसानों से अपील की कि वे किसी के बहकावे में न आयें।
पत्रकारों ने प्रश्न-किया कि जो निजी स्कूल ऑनलाइन शिक्षा नहीं दे रहे हैं और फीस ले रहे हैं, तो क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी?, इसके उत्तर में शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर वे ऑनलाइन शिक्षा नहीं दे रहे हैं, तो फीस नहीं ले सकते हैं, जो ले रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। जिन निजी स्कूलों ने ऑनलाइन शिक्षा देने की पूरी व्यवस्था बना रखी है, केवल वे ही सम्बन्धित फीस ले सकते हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारी डाॅ आनन्द भारद्वाज ने पत्रकारों को निजी स्कूलों द्वारा अधिक फीस लिये जाने के सम्बन्ध में बैठाई गयी जांच समिति के बारे में बताया कि उसकी रिपोर्ट आ चुकी है, अगर किसी निजी स्कूल ने नियमों के विरूद्ध ज्यादा फीस ली होगी तो उन्हें उस फीस को वापस करना होगा, अन्यथा उसकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी। प्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष डाक्टर जयपाल सिंह चौहान, विधायक आदेश चौहान मौजूद रहे।