जनवाणी ब्यूरो |
उत्तराखंड: बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने वनंत्रा रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो कर्मचारियों – सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत नष्ट करना), और 354 (महिला का शील भंग करने का प्रयास) के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अर्थदंड और मुआवज़ा
तीनों आरोपियों पर ₹50,000-₹50,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही अदालत ने पीड़िता अंकिता भंडारी के परिजनों को ₹4 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ी
फैसले से ठीक पहले अदालत परिसर के बाहर तनावपूर्ण माहौल देखा गया। न्याय की उम्मीद में जुटी भीड़ ने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़कर अदालत की ओर बढ़ने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए लोगों को भीतर जाने से रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।
कोटद्वार में फैसले के दिन गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था। अदालत परिसर के बाहर भारी पुलिस तैनाती और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
करीब ढाई साल बाद आया फैसला
अंकिता भंडारी हत्याकांड की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने अदालत में 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था। 28 मार्च 2023 से गवाही की प्रक्रिया आरंभ हुई, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से 47 अहम गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया। जबकि एसआईटी ने कुल 97 गवाह बनाए थे।
19 मई 2025 को विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की दलीलों का जवाब देकर बहस का समापन किया था, जिसके बाद 30 मई को फैसले की तारीख तय की गई थी।
देशभर में फैसले पर निगाहें
अंकिता भंडारी की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस मामले ने उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा, राजनीतिक दबाव और न्याय व्यवस्था पर गहरी बहस छेड़ी थी। आज के फैसले को लोग न्याय की दिशा में अहम कदम मान रहे हैं।
कब क्या हुआ
- रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
- लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
- लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।
- हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
- 22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
- 23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।
- 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।
- 24 सितंबर को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
- 24 सितंबर एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।
- 26 सितंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।
- विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ दी गईं।
- 16 दिसंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।
- 30 मई 2025 को आया फैसला।