- सीएम के आदेश, फिर भी नहीं दिखी सख्ती
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सड़कों पर पार्किंग के खिलाफ हैं। सड़कों से पार्किंग हटाने के भी निर्देश दिये हैं, लेकिन पार्किंग सड़क से हटते हुए दिखाई नहीं दी। कलक्ट्रेट में जैसे ही एंट्री की जाती हैं, उसके मुख्य गेट पर कमिश्नरी चौराहे से लेकर अंबेडकर चौराहे तक डिवाइडर लगाकर सड़क का चौड़ीकरण किया गया था, यहां पर वर्तमान में सड़क तो चौड़ी हो गई, लेकिन वाहन सड़क पर पार्किंग किये जाने लगे। कई माह से ऐसा चल रहा हैं।
सीएम के आदेश के बाद भी ये वाहन पार्किंग से नहीं हटाए गए। इसी तरह से कमिश्नरी चौराहे पर वाहन पार्क कर दिये जाते हैं, जिसे आवागमन में लोगों को दिक्कत हो रही हैं। सड़कों का चौड़ीकरण इसलिए किया गया था कि यहां पर जाम लगा रहता था। सड़क कम चौड़ी थी। तत्कालीन डीएम पंकज यादव ने अपने कार्यकाल में अपने आवास का अगला हिस्सा कम कराते हुए सड़क का चौड़ीकरण करा दिया था।
इसी वजह से डीएम आवास व कलक्ट्रेट के आसपास सड़क का चौड़ीकरण हुआ। सौंदर्यीकरण भी किया गया, जो वर्तमान में अच्छा भी लगता हैं, लेकिन सड़क पर वाहन पार्क कर दिये जाते हैं, जिससे सौंदर्यीकरण को भी झटका लग रहा है और पार्किंग होने से वाहनों को आवागमन में दिक्कत आ रही हैं। ऐसा तब है, जब यहां से डीएम दीपक मीणा, एसएसपी प्रभाकर चौधरी भी निकलते हैं,
लेकिन इसके बाद भी सड़क पर पार्क कर दिये गए वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सड़क पर पार्किंग को लेकर सख्ती की हैं। उनकी सख्ती अभी शहर की सड़कों पर दिखाई नहीं दी।
दो दिन चला अभियान, फिर बंद, हो गई अवैध पार्किंग
प्रदेश के सीएम ने शहरों को अतिक्रमण मुक्त करने, अवैध टेम्पो स्टैंड और अवैध पार्किंग को हटाने के निर्देश दिये थे, लेकिन उन आदेशों का असर यहां सिर्फ दो ही दिनों तक नजर आया। पहले दिन अभियान चलाकर जहां से अवैध पार्किंग को हटाया था रविवार को वहां फिर से पार्किंग होती पाई गई, जबकि इस मामले में पार्किंग करने वालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया, लेकिन इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी शहरों में अवैध पार्किंग, अतिक्रमण आदि हटाने के आदेश दिये थे। यहां मेरठ में भी नगर निगम की ओर से पहले दो दिनों में शहर में कई जगहों से अवैध पार्किंग हटाई गर्इं, सड़कों के किनारे से अतिक्रमण हटाया गया, लेकिन रविवार को जहां से पार्किंग हटी थी वहीं फिर से पार्किंग कर दी गई। इसके अलावा शहर में अन्य जगहों पर टेम्पो स्टैंड अभी भी इसी प्रकार से चलते रहे।
टेम्पो चालक जहां चाहे वहां अपनी मर्जी से रोकते रहे और उन्हें रोकने वाला कोई नजर नहीं आया। सबसे अधिक हालात यहां तेजगढ़ी चौराहे पर खराब है। यहां रेडलाइट पार करते ही ई-रिक्शा चालक और टेम्पो चालक सड़कों पर कब्जा कर लेते हैं, लेकिन पास में मौजूद तेजगढ़ी चौकी पर पुलिस आंखे मूंदे सब देखती रहती है और इस संबंध में कोई कार्रवाई तक नहीं की जाती। रविवार की बात करें तो रविवार को अवैध पर्किंग फिर से होती नजर आई यहां भी मेडिकल पुलिस की लापरवाही सबसे अधिक नजर आई।
बता दें कि पीवीएस के ठीक सामने सर्विस रोड है और यहां पर पार्किंग कराने वालों ने सर्विस रोड पर भी अवैध पार्किंग करा दी थी। दो दिन पहले नगर निगम की टीम ने यहां पहुंचकर अवैध पार्किंग को सर्विस रोड से हटवाया और यहां आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज करा दिया था, लेकिन यहां पुलिस कर्मियों की लापरवाही तो देखो यहां फिर से वाहन सर्विस रोड पर खड़े होने शुरू हो गए हैं।
जबकि सर्विस रोड पर एक किनारे पुलिस चौकी भी है। इसी थाने की चौकी जहां मुकदमा दर्ज हुआ इसके बावजूद अवैध पार्किंग को नहीं हटाया गया। मतलब यह कहना भी गलत नहीं होगा कि पुलिस जब तक न चाहे तब तक हालात सुधर नहीं सकते। महज चंद कदमों के हालातों को देखकर कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।