Friday, May 9, 2025
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अमेरिका का प्रस्ताव, 26/11 आतंकियों के हैंडलर को घोषित हों वैश्विक आतंकी, चीन ने अटकाया रोड़ा

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: आतंकवाद को लेकर चीन अपना नजरिया बदलने को तैयार नहीं है। वह अपनी हरकतों से बार-बार इसका हिमायती व समर्थक नजर आ रहा है। उसने अब मुंबई पर हुए 26/11 हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा डाला। अमेरिका ने मीर को कालीसूची में डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव रखा था और भारत ने इसका समर्थन किया था। लेकिन चीन ने वीटो कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति 1267 के समक्ष साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। अमेरिका द्वारा लाए गए प्रस्ताव में मीर की संपत्ति जब्त करने, यात्रा पर प्रतिबंध लगाने और हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया था। अमेरिका ने मीर के सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। 26/11 हमले के मृतकों में चूंकि छह अमेरिकी थे, इसलिए अमेरिका भी साजिद मीर को दबोचना चाहता है।

भारत का मोस्ट वांटेड है मीर

पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ‘ग्रे सूची‘ से बाहर निकलने के लिए मीर को टेरर फंडिंग के केस में 15 साल की सजा सुनाई है। हालांकि मुंबई पर आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान ने मीर पर अब तक केस दर्ज नहीं किया है। साजिद मीर भारत के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल है। बता दें, 2008 में मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जबर्दस्त आतंकी हमला किया था। करीब पांच दिन चले इस हमले में 166 से ज्यादा नागरिकों की मौत हो गई थी।

पहले मसूद अजहर को लेकर डाला था रोड़ा

चीन ने इससे पहले भी आतंकवाद के खिलाफ भारत व अन्य देशों के प्रस्तावों को पारित करने में अड़ंगे डाले हैं। गत माह उसने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के एक वरिष्ठ नेता अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगवा दी है। इससे पहले मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी करार देने के प्रस्ताव मे भी वह बाधक बना था।

मीर को लेकर झूठ बोलता है पाकिस्तान

मीर को लेकर पाकिस्तान हमेशा झूठ बोलता रहा है। पहले तो वह उसके देश में होने से ही इनकार करता रहा। फिर यह भी दावा किया कि उसकी मौत हो चुकी है। इसी साल जून में मीर को हिरासत में लिए जाने की खबर भी आई। उसे सजा सुनाने का भी दावा किया गया। हकीकत क्या है, वह पाकिस्तान व उसका समर्थक चीन ही समझ सकता है।

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