जनवाणी संवाददाता |
शाहपुर: यूक्रेन से वापस लौटे अनस चौधरी का हालचाल पूछने के लिए उसके घर पर मिलने वालो व रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ है। अनस ने गांव सोरम में अपने आवास पर रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान उतपन्न हुए हालात के बारे में बताया कि उसरोज नेशनल यूनिवर्सिटी के पास कई दिन से सायरन बजाकर बंकरो में जाने की चेतावनी दे दी गई थी। फाइटर विमानों की आवाजाही शुरू हो गई थी।
उसने यह भी बताया कि जब भारत सरकार ने स्वदेश वापस लौटने की एडवायजरी जारी की तो उसने भी स्वदेश आने के लिए यूनिवर्सिटी से परमिशन लेने के लिए आवेदन किया था परंतु यूनिवर्सिटी के परमिशन ना देने से वह फंस गया। जब युद्ध शुरू हुआ तो सभी लोग वापस जाने लगे तो वह बस से दो घण्टे का सफर करने के बाद 28 फरवरी को हंगरी बॉर्डर पर पँहुचा, 16 घण्टे बाद उन्हें हंगरी बॉर्डर से एयरपोर्ट ले जाया गया जंहा से 2 मार्च की सुबह 3 बजे इंडिया के लिए रवाना किया।
उसने यह भी बताया कि यूनिवर्सिटी से इंडिया तक वापस आने के दौरान कई बार तो भूखा भी रहना पड़ा। साथ ही माइनस तापमान से कड़कड़ाती सर्दी ने जीना मुहाल कर दिया था। गांव सोरम में अनस चौधरी के आवास पर उनके मिलने वाले व रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ है। अनस का हाल पूछने वालो में जमीयत उलेमा के प्रदेश सचिव हाजी शाहिद त्यागी, पूर्व प्रधान हाजी मुर्सलीन, अमीर आजम खां, साजिद हसन, तनवीर चौधरी आदि रहे।