जनवाणी संवाददाता |
परीक्षितगढ़: क्षेत्र के गांव दबथला स्थित वैदिक कन्या गुरुकुल में शिक्षिका द्वारा पिटाई किए जाने से नाराज गाजियाबाद की कक्षा आठवीं की छात्र गुरुकुल की दीवार फांदकर फरार हो गई। वैदिक कन्या गुरुकुल का प्रबंधन पिछली घटनाओं से कोई सबक नहीं ले रहा है। इसलिए शुक्रवार को कक्षा आठवीं की छात्रा श्री भारद्वाज शिक्षिका द्वारा पिटाई करने के बाद स्कूल ड्रेस में ही गुरुकुल की दीवार फांदकर फरार हो गई। दीवार फांदते वक्त छात्रा के पैर में चोट भी आ गई।
इसके बाद छात्रा गांव बहलोलपुर पहुंची, जहां छात्रा ने ग्रामीणों को अपने साथ हुई मारपीट की जानकारी दी। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस गांव में पहुंची। छात्रा ने पुलिस को बताया कि उसके माता-पिता का निधन सड़क हादसे में हो चुका है। फूफा ने वैदिक कन्या गुरुकुल में दाखिला कराया है। शिक्षिका के पिटाई करने के कारण जब उसने दीवार फांदी तो पैर में चोट लग गई।
इसके बाद पुलिस छात्रा को लेकर थाने पहुंची। थाने पर ग्रामीण भी पहुंच गए। उन्होंने आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने आचार्या सोनिया के साथ घायल छात्रा को उपचार के लिए सीएचसी पर भेज दिया है। गुरुकुल संचालिका आचार्या सोनिया ने बताया कि छात्रा के साथ शिक्षिका ने मारपीट की है। दीवांर कूदते समय छात्रा के पैर में चौट आई है। जांच कर शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
थानाध्यक्ष दिनेश प्रताप ने बताया कि छात्रा के गंदे कपड़ो होने पर शिक्षिका द्वारा मारपीट की गई। परिजनों के आने पर छात्रा को सौँप दिया जाएगा। बता दें कि वैदिक कन्या गुरुकुल दबथला स्कूल में दस दिन पूर्व दिल्ली निवासी छात्रा बाथरूम में अपने कपड़े डालकर दीवार फांदकर र्इंख के रास्ते फरार हो गई थी। पुलिस ने छात्रा को गांव बहलोलपुर के शिव मंदिर से बरामद किया था।
खाकी का अमानवीय चेहरा आया सामने
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जानी थाने की फैंटम रात को गश्त पर बजाय अपराधियों के चेकिंग के नाम पर ऐसे बेगुनाहों को शिकार कर रही है, जिनसे कुछ मिल सके। बीते रविवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। लिंटर का सरिया बांधने वाले जिजोखर निवासी छह मजदूर आदेश, ललित, ललित सेकेंड, गौरव, जाहिद व अंकित साइट से काम निपटाकर ई-रिक्शा से घर लौट रहे थे। जब इनका ई-रिक्शा जैनपुर मार्ग पर पहुंचा तो वहां मौजूद फैंटम के दो सिपाहियों ने इन्हें रोक लिया। पीड़ितों ने बताया कि ई-रिक्शा के रुकते ही उन्होंने चेहरों पर टार्च की रोशनी मारी और कहा कि कहां से लूट कर आ रहे हो, मजदूरों ने कहा कि वो सरिया बांधने का काम करते हैं और काम से लौट रहे हैं और घर जा रहे हैं। इस पर गाली देते हुए सिपाहियों ने कहा सालों लूटकर आ रहे हो, तुम्हें लूट में जेल भेजा जाएगा। इसी बीच सिपाहियों ने थाने से जीप मंगलवा ली। जिस वक्त इन्हें जीप में बैठा रहे थे आदेश और ललित वहां से भाग खडेÞ हुए चार को ललित सेकेंड, गौरव, जाहिद व अंकित को जीप में बैठा लिया।
आरोप है कि थाने पर लाकर चारों के चेहरे पर शराब छिड़की गयी। इस बीच इनके परिजन भी थाना जानी पहुंच गए और जो दो गौरव व आदेश मौके से भाग गए थे, उन्हें भी थाने पर बुलवा लिया। थाने से जीप में इन्हें सरकारी अस्पताल में डॉक्टरी के लिए भेजा गया। इस बीच छोड़ने का खेल शुरू हो गया। परिजनों ने बताया कि दो हजार रुपये तो इनके पास से मिले और चार हजार रुपये स्थित एटीएम से पकडेÞ गए एक मजदूर गौरव के एकाउंट से निकले गए। गौरव के भाई जॉनी के साथ एक सिपाही भेजा गया। दरअसल, उसके एकाउंट में पैसे ही ही इतने थे कि चार हजार ही निकाले जा सकते थे। महज छह हजार रुपये लेकर तड़के करीब तीन बजे इन छह मजदूरों को थाने से छोड़ा गया। इनके परिजन अब अधिकारियों से शिकायत की बात कह रहे हैं। हालांकि एसओ ने किसी ऐसी घटना से अनभिज्ञता जाहिर की।