Tuesday, July 9, 2024
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गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में बहस शुरू

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  • मेरठ कालेज के तीन छात्रों का हुआ था बेरहमी से कत्ल
  • हाजी इजलाल 14 सालों से जेल में बंद

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: 14 साल पहले तीन लोगों की नृशंस हत्या के आरोप में 13 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या-17 स्पेशल कोर्ट गैंगस्टर एक्ट मेरठ राम किशोर पांडेय की अदालत में बुधवार को बहस शुरू हो गयी। हत्या थाना कोतवाली क्षेत्र में नकारचियान गुदड़ी बाजार में हुई थी और शव थाना बालैनी क्षेत्र बागपत में हिंडन नदी के किनारे पड़े मिले थे।

थाना बालैनी क्षेत्र स्थित हिंडन नदी में 23 मई 2008 को मेरठ के रहने वाले सुनील ढाका, पुनीत गिरी और सुधीर कुमार के क्षत-विक्षत शव मिले थे। जिसका मुकदमा पंजीकृत हुआ। विवेचना के दौरान एसएसपी के आदेश पर हत्या की घटना स्थल थाना कोतवाली जिला मेरठ में मुकदमा स्थानान्तरित कर दिया गया था।

विवेचना के दौरान तिहरे हत्याकांड में इजलाल, अफजाल, मेहराज, इसरार, कल्लू उर्फ कलवा, कालू ड्राइवर उर्फ देवेन्द्र आहुजा, वसीम, रिजवान, बदरुद्दीन, परवेज, इजहार, शीबा सिरोही, माजिद, शम्मी के खिलाफ दो अलग-अलग विवेचना में हत्या सहित गंभीर आरोपों में वर्ष-2008 में 147, 148, 149, 364, 302, 202, 404, 411 आईपीसी और गैंगस्टर के आरोप में चार्जशीट दाखिल हुई हैं।

चार्जशीट दाखिल हुई थी। जिसमें हत्यारोपी परवेज के नाबालिग होने के चलते किशोर न्यायालय में अलग मुकदमा चल रहा है तथा एक हत्यारोपी माजिद की दौरान मुकदमा मृत्यु हो चुकी है। हत्यारोपी में रिजवान, मेहराज, वसीम, शीबा सिरोही और बदरुद्दीन जमानत पर हैं। बाकी सभी आरोपी शुरू से ही जेल में बंद है। बुधवार को अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी सर्वेश शर्मा तथा प्रमोद त्यागी एडवोकेट्स ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा। न्यायालय ने बहस के लिये आगामी 12 अप्रैल 2022 की तिथि नियत की है।

क्या थी घटना?

मृतकों और हत्यारोपी इजलाल आदि में आपस में दोस्ती थी और शीबा सिरोही से दोस्ती थी। मृतक सुनील ढाका, पुनीत गिरी, सुधीर कुमार, शीबा सिरोही से हत्यारोपी इजलाल आदि को मिलने से मृतक बना किया करते थे। जिसको लेकर हत्यारोपियों ने शीबा सिरोही के साथ सांठगांठ कर मृतकों अपने घर पर मोहल्ला नकारचियान गुदड़ी बाजार कोतवाली दावत में बुलाया और वहां छुरों, लाठी-डंडों, गोली चलाकर तीनों की नृशंस हत्या कर दी।

हत्या के आरोप में यह भी बताया गया कि मृतकों के नाखून भी मारने से पहले उखाड़े थे। तीनों की हत्या कर उनके शवों को हिंडन नदी में फेंक दिया गया था। शव थाना बालैनी क्षेत्र में मिलने पर वहां मुकदमा पंजीकृत हुआ था। जिसकी विवेचना इंस्पेक्टर बालैनी पंकज गौतम ने शुरू की थी। हत्या का स्थल पता चलने पर एसएसपी के आदेश पर उक्त मुकदमा थाना कोतवाली मेरठ में 30 मई 2008 को एसएसपी के आदेश पर स्थानान्तरित हो गया था।

जहां इंस्पेक्टर सदर बाजार डीके बालियान द्वारा विवेचना शुरू की गयी परन्तु दौरान विवेचना इंस्पेक्टर डीके बालियान का ट्रांसफर कानपुर कर दिया गया था, परन्तु इस चर्चित मुकदमे की विवेचना के चलते ट्रांसफर पर रोक लगी थी और 19 अगस्त 2008 को 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गयी थी। वहीं, शीबा सिरोही के खिलाफ चल रही अन्य विवेचना में 21 नवंबर 2008 को चार्जशीट दाखिल कर दी गयी।

कौन-कौन पेश हुए गवाहों के रूप में?

चार्जशीट में कुल 28 गवाहों को शामिल किया गया था। जिनमें से 20 गवाह न्यायालय में पेश हुए। जिसमें वादी अनिल ढाका, दुष्यंत तोमर उर्फ अमित राणा, संदीप ढडरा, अमित उज्जवल, राजेश कुमार विवेचक पंकज गौतम, डीके बालियान, नागेश मिश्रा, हरिश भदौरिया, एसआई सोमपाल, एसआई सुशील कुमार व नरेशचंद वर्मा, सिपाही अनुराग पाठक जयवीर सिंह, राज सिंह, राजेश कुमार, एसआई रघुनंदन सिंह भदौरिया, सिपाही अरविंद डा. कृष्ण कुमार, एएसआई हरी सिंह, मौजूद रहे। वहीं, आरोपी पक्ष की ओर से पांच गवाह नफीस, अमित शर्मा, इस्माईल, शरीफ और मोहम्मद आबिद पेश किये गये।

गवाह पर हुआ था कातिलाना हमला

तिहरे हत्याकांड के गवाहों को लगातार जान का खतरा था और भारी मानसिक दबाव में थे। जिसके चलते सभी गवाहों को भारी पुलिस बल सुरक्षा में गवाही के लिये पेश किया जाता था। एक गवाह संदीप ढडरा पर बागपत भोला रोड पर गोलियों से कातिलाना हमला हुआ था। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था।

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