नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी एक गंभीर वित्तीय घोटाले में फंस गए हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने शेयर बाजार में हेराफेरी के मामले में अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेट्टी, और 57 अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। SEBI की जांच में सामने आया कि इन सभी ने शेयरों की कीमतों में कृत्रिम बढ़ोतरी कर निवेशकों को गुमराह किया और उससे अवैध लाभ कमाया। इसी के तहत SEBI ने इन सभी व्यक्तियों पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग से रोक लगा दी है। इसके अलावा भारी जुर्माना लगाया गया है और अवैध कमाई वापस लौटाने का आदेश भी दिया गया है।
पंप एंड डंप’ स्कीम के तहत किया गया घोटाला
SEBI की जांच में सामने आया है कि यह घोटाला ‘पंप एंड डंप’ स्कीम के तहत किया गया था। इस तकनीक में पहले कुछ शेयरों की कीमतों को बनावटी ढंग से बढ़ाया गया और फिर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचकर बड़ा मुनाफा कमाया गया। आम निवेशक जब इन शेयरों में निवेश करते हैं, तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस मामले में साधना ब्रॉडकास्ट और शार्पलाइन रियल्टी जैसे कंपनियों के शेयरों को निशाना बनाया गया।
अरशद और मारिया ने घोटाले के जरिए कमाए लाखों
SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक, अरशद वारसी ने इस घोटाले के जरिए करीब 41.70 लाख रुपये का मुनाफा कमाया, वहीं उनकी पत्नी मारिया गोरेती ने 50.35 लाख रुपये का लाभ उठाया। यह कमाई अवैध तरीके से हुई थी, जिसे अब 12 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया गया है।
पांच-पांच लाख रुपये का लगाया जुर्माना
इस पूरे घोटाले में कुल 59 इकाइयों ने मिलकर 58.01 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की थी। SEBI ने सभी आरोपियों को यह रकम ब्याज सहित वापस लौटाने को कहा है। इसके साथ ही अरशद वारसी और उनकी पत्नी पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अन्य आरोपियों पर 5 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है।
यूट्यूब के जरिए फैलाई गई भ्रामक जानकारी
SEBI की जांच में यह भी सामने आया कि कुछ यूट्यूब चैनलों पर इन कंपनियों के शेयरों को लेकर झूठे और भ्रामक वीडियो अपलोड किए गए थे। इन वीडियोज में निवेशकों को इन शेयरों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे उनकी कीमतों में तेजी आई और फिर इन लोगों ने मुनाफा कमाया।
घोटाले में इन लोगों ने निभाई मुख्य भूमिका
SEBI की रिपोर्ट में गौरव गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता और मनीष मिश्रा को इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड बताया गया है। इनके अलावा पीयूष अग्रवाल, लोकेश शाह और अन्य लोग भी इस घोटाले में सक्रिय भूमिका निभाते पाए गए। इन लोगों ने मिलीभगत से आम निवेशकों को गुमराह किया और खुद मुनाफा कमाया।